धनबाद : 15 जुलाई को धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन बंदी के एक महीने पूरे हो जायेंगे. रेललाइन बंदी के बाद आम लोगों को होने वाली तकलीफ उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर कर रही है. बंदी के खिलाफ लोगों में स्पष्ट रूप से एक आक्रोश महीने भर बाद भी कायम है.धनबाद -चंद्रपुरा रेललाइन बंदी की जब से घोषणा हुई, तब से लेकर आज तक इलाके के नेताओं ने अलग -अलग तरीके से सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया.कई बार स्थानीय नेता रेल मंत्री तो कभी कोल इंडिया के चेयरमैन से मिलते दिखे
धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद करने को लेकर कतरास में हंगामा, सुरक्षा बढ़ायी गयी, पहुंचे समरेश सिंह
बंदी की घोषणा के लगभग एक महीने होने को है. सबसे ज्यादा सक्रियता बुजुर्ग नेता समरेश सिंह ने दिखायी.समरेश सिंह शुरुआत से ही आंदोलनकारी नेता की छवि रखते हैं. झारखंड अलग होने से पूर्व झारखंड आंदोलन में बेहद सक्रिय रहे. झारखंड सरकार में मंत्री भी बने. अब उनकी उम्र 77 साल की हो चुकी है. झारखंड में उनके साथ राजनीति शुरुआत करने वाले नेता शिथिल पड़ चुके हैं. ऐसी उम्र में सक्रियता बनाये रखना आसान नहीं होता है.