पटना : पटना एम्स में जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के समर्थकों और डॉक्टरों के बीच हुई मारपीट के बाद डॉक्टरों ने कार्य बहिशकार करने का फैसला वापस ले लिया है. वहीं, मारपीट की घटना के बाद अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की बीच हुई वार्ता सफल रही. डॉक्टरों ने मांग रखा की कन्हैया के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाये. जिसके बाद अस्पताल ने डॉक्टरों की मांग मान ली. जिसके बाद मारपीट की घटना के संबंध में फुलवारी थाना में कन्हैया के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. वहीं इसके बाद डॉथ्टर अपने काम पर लौट गये.
दूसरी ओर, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एम्स में डाक्टरों और सुरक्षाकर्मियों के साथ जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार द्वारा मारपीट किये जाने की निंदा की है. उन्होंने कहा कि कन्हैया का यह आचरण न सिर्फ निंदनीय है बल्कि गुंडागर्दी की पराकाष्ठा है. कन्हैया की इस हरकत से न सिर्फ एम्स की व्यवस्था पर असर पड़ा है बल्कि डाक्टरों में भी रोष है. उन्होंने कहा कि कन्हैया राजद के इशारे पर बिहार में माहौल खराब कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कन्हैया राज्य में नेता के तौर पर प्रोजेक्ट होने का असफल प्रयास कर रहे हैं. विपक्ष ऐसे मानसिकता वाले लोगों को बतौर बिहार से चुनाव लड़ाने की फिराक में है, लेकिन राज्य की जनता ऐसे लोगों को जगह देने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था को बिगाड़ने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसी मानिसकता के लोगों से और क्या उम्मीद की जा सकती है. कन्हैया ने जो भी किया वह काफी अफसोसजनक और बर्दाश्त के लायक नहीं है.
मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में सुशासन का राज है, लेकिन कन्हैया जैसे तथाकथित नेता अस्पताल में उपद्रव फैला विधि–व्यवस्था में खलल डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी नेता उन्हें माहौल खराब करने के लिए उकसा रहे हैं, ताकि राज्य सरकार की बदनामी हो. उन्होंने कहा कि ऐसे सिरफिरे लोगों के लिए जेल ही एकमात्र जगह है, जहां वे अपनी गलती का पाश्चाताप कर सकें. सरकार एम्स में हुई इस घटना को लेकर गंभीर है और ऐसे उदंड लोगों से निपटने के लिए सक्षम है.