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नावाडीह-कोवाड़ के बीच चली ट्रेन

कोडरमा में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने दिखायी हरी झंडी कोडरमा : कोडरमा-गिरिडीह रेल खंड पर शनिवार काे नावाडीह से कोवाड़ स्टेशन (53.20 किलोमीटर) तक डीएमयू ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ. कोडरमा जंक्शन पर शाम 4.45 बजे आयोजित समारोह में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखा कर ट्रेन को रवाना किया. माैके पर […]

कोडरमा में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने दिखायी हरी झंडी
कोडरमा : कोडरमा-गिरिडीह रेल खंड पर शनिवार काे नावाडीह से कोवाड़ स्टेशन (53.20 किलोमीटर) तक डीएमयू ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ. कोडरमा जंक्शन पर शाम 4.45 बजे आयोजित समारोह में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखा कर ट्रेन को रवाना किया. माैके पर माैजूद सांसद डाॅ रवींद्र राय, रवींद्र पांडेय, विधायक केदार हाजरा, नागेंद्र महतो, राजकुमार यादव, निर्भय कुमार शाहबादी, प्रो जानकी यादव, सदस्य इंजीनियरिंग रेलवे बोर्ड वीके गुप्ता, महाप्रबंधक आदित्य कुमार मित्तल, मुख्य प्रबंधक अभियंता निर्माण विभाग दक्षिण एलएम झा, डीआरएम धनबाद बीबी सिंह ने भी ट्रेन को हरी झंडी दिखायी.
इससे पहले शिलापट्ट का अनावरण किया. कोडरमा से नावाडीह (33.30 किमी) तक पहले से रेल परिचालन हो रहा है. गिरिडीह तक कुल 111 किलोमीटर में 16 किमी रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण होना है, जबकि आठ किमी पर कार्य हो रहा है. कोडरमा से कोवाड़ के बीच 11 स्टेशन हैं और यात्री किराया कोवाड़ तक 25 रुपये है. रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय में इस रेल लाइन का शिलान्यास रखा गया था. आज खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में इस पर ट्रेन दौड़ रही है. झारखंड की रघुवर सरकार के सहयोगात्मक रुख से रेलवे की परियोजनाएं पूर्ण हो रही हैं.
स्थानीय सांसद डॉ रवींद्र राय की ओर से रांची से दुमका तक वाया हजारीबाग-कोडरमा रेल लाइन निर्माण की मांग रखने पर मंत्री ने कहा कि यह मांग पूरी करने के लिए रेलवे प्रयास करेगा. रांची से बाबा धाम वाया कोडरमा जाने की व्यवस्था रेलवे करेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं. पर सीमित संसाधन में ही रेलवे का नेटवर्क विस्तार करना है. केंद्र सरकार ने तीन गुना राशि आवंटित कर रेलवे को मजबूत किया है.
अगले चार साल रेलवे पर 8.5 लाख करोड़ का निवेश होगा. अभी तक 16-17 गुना यात्री बढ़े हैं आैर आठ गुना माल भाड़ा बढ़ा है, पर रेलवे नेटवर्क में मात्र ढाई गुना विस्तार हुआ है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री की खुद रेलवे में रुचि है और पहली कोशिश नेटवर्क विस्तार की है. मंत्री ने कहा कि रेलवे का उद्देश्य पहले सुरक्षित यात्रा व माल पहुंचाना है. विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव की मांग पर उन्होंने कहा कि हर ट्रेन को अगर सभी स्टेशनों में रोकने की व्यवस्था कर दी जाये, तो स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
16 किमी रेल लाइन निर्माण में भूमि अधिग्रहण बाधा : कोडरमा से गिरिडीह नयी रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था. 25 जून 2013 को इस रेल लाइन के नावाडीह (33.30 किलोमीटर) तक ट्रेन परिचालन को तत्कालीन सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था.
अब नावाडीह से कोवाड़ (53.20 किलोमीटर) तक रेल लाइन का विस्तार हो गया है. यानी कुल 86.50 किलोमीटर रेल लाइन पर ट्रेन दौड़ेगी. कोडरमा- गिरिडीह रेल लाइन की कुल लंबाई 110.80 किलोमीटर है. शेष 24.30 किमी पर निर्माण शेष है. रेलवे के अनुसार आ किलोमीटर रेल लाइन पर काम चल रहा है, जबकि 16.30 किमी पर राज्य सरकार की ओर से जमीन अधिग्रहण कर रेलवे को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. वर्ष 2001-02 में स्वीकृत यह योजना 927 करोड़ की है. इसमें 522 करोड़ झारखंड सरकार की ओर से और 405 करोड़ रेलवे के द्वारा खर्च किया जाना है. पूरा रूट चालू होने के बाद यह मधुपुर के महेशमुंडा स्टेशन से जुड़ जायेगा.

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