कुआलालंपुर : मलेशिया ने लापता हुए विमान के अपहरण की आशंका से आज इनकार नहीं करते हुए कहा कि 239 यात्रियों वाली उडान-एमएच370 की गतिविधि विमान में सवार किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर की गयी कार्रवाई के समान थी. मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने कहा कि अधिकारी अब दो संभावित कॉरिडोर्स-कजाखस्तान और तुर्कमेनिस्तान की सीमा के उत्तर में, और इंडोनेशिया से दक्षिणी हिंद महासागर तक दक्षिणी कॉरिडोर में विमान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
नजीब ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, नये उपग्रह संचार के आधार पर हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि विमान के मलेशिया के पूर्वी तट पर पहुंचने से महज कुछ समय पहले विमान की संचार प्रेषण प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया गया. नजीब ने कहा कि विमान जब मलेशिया और वियतनाम के हवाई नियंत्रण कक्ष की सीमा के बीच पहुंचा तो इसके तुरंत बाद इसके ट्रांसपांडर बंद कर दिये गये.
उन्होंने कहा, रडार आंकडे से पता चला कि इस बिंदु से आगे एक विमान जिसे एमएच370 माना जाता है वापस मुडा और उत्तर पश्चिम की ओर मुडने से पहले पश्चिमी दिशा की तरफ मुडा. प्रधानमंत्री ने कहा, यह विमान में सवार किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर किया गया. उन्होंने हालांकि, खुलकर यह नहीं कहा कि विमान का अपहरण किया गया है.
उन्होंने कहा, अंतिम उपग्रह संचार 8 मार्च को सुबह 8 बजकर 11 मिनट (स्थानीय समयानुसार) पर हुआ. नजीब ने कहा कि नियंत्रण खो देने के बाद साढे सात घंटे तक विमान हवा में रहा.विमान कुआलालंपुर से अपराह्न 12 बजकर 41 मिनट पर बीजिंग के लिए रवाना हुआ था और घंटे बाद इसका असैन्य रडार से संपर्क टूट गया.
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, मीडिया में विमान के अपहरण की खबरें होने के बावजूद मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम अब भी सभी संभावनाओं की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सैटेलाइट रडार के आधार पर यह पुष्टि की जा सकती है कि असैन्य रडार से अदृश्य होने के एक घंटे बाद बाद सैन्य प्राथमिक रडार पर दिखा विमान असल में लापता हुआ मलेशियाई विमान बोइंग 777 उडान संख्या एमएच370 था.
इससे पहले अमेरिका समाचार एजेंसियों ने भी इसका अनुमान लगाया था.लापता मलेशियाई विमान की तलाश कर रहे जांचकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि विमान उडाने का अच्छा अनुभव रखने वाले एक या अधिक लोगों ने विमान का अपहरण कर लिया है, इसके संचार यंत्र बंद कर दिए हैं और इसे इसके निर्धारित पथ से हटा दिया है.
जांच में शामिल एक मलेशियाई सरकारी अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर आज यह जानकारी दी क्योंकि वह मीडिया को सूचना देने के लिए अधिकृत नहीं है. उन्होंने बताया कि अपहरण के पीछे का मकसद और अपहरणकर्ताओं के किसी प्रकार की मांग करने का पता नहीं चला है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि विमान को कहां ले जाया गया.
उन्होंने कहा कि अपहरण अब एक अनुमान नहीं है. यह ‘‘यह निष्कर्ष है.’’ अधिकारी ने बताया कि विमान के संचार यंत्रों को जानबूझकर बंद किए जाने और उडान पथ के आंकडों तथा रडार से इसे गायब करने के लिए इसके पथ को बदलने संबंधी संकेतों से यह निष्कर्ष निकाला गया है. बोइंग 777 का बीजिंग से कुआलालम्पुर के लिए आठ मार्च को उडान भरने के मात्र एक घंटे बाद जमीन से संपर्क टूट गया था. इस विमान में पांच भारतीय समेत 239 लोग शामिल है