वाशिंगटन: एक शीर्ष अमेरिकी कमांडर ने कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान के सहयोग के बिना अफगानिस्तान में सफलता की कल्पना नहीं कर सकता. अफगानिस्तान में नाटो बलों और अमेरिका के कमांडर जोसफ डनफोर्ड ने कल सांसदों से कहा, ‘‘मुझे पाकिस्तान के सहयोग और अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के बीच प्रभावी संबंधों के बिना अफगानिस्तान में सफलता की कल्पना करना मुश्किल लगता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में मुझे दो मोचरें पर काफी तसल्ली महसूस हुई है. पहला यह है कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान भी अतिवाद से अपनी सुरक्षा को मौजूदा खतरे को पहचानता है और दूसरा यह कि वे यह भी समझते हैं कि एक स्थायी, सुरक्षित एवं एकीकृत अफगानिस्तान ही उनके सर्वश्रेष्ठ हित में है.’’ डनफोर्ड ने कहा कि दोनों देशों के प्रमुखों ने अगस्त से चार बार मुलाकात की है जो काफी सकारात्मक है.
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि उन्होंने सहयोग के लिए जिन दो क्षेत्रों को पहचाना है, उनका जिक्र करना महत्वपूर्ण है. पहला यह कि अतिवाद की एक समान परिभाषा होनी चाहिए और इस अतिवाद से निपटने के लिए सहयोग किया जाना चाहिए. दूसरा यह है कि एक विस्तृत सीमा प्रबंधन ढांचा तैयार किया जाए जिसमें दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक एवं सुरक्षा मामलों का जिक्र किया जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी भूमिका अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के बीच सेना से सेना के बीच रचनात्मक संबंध विकसित करने की दिशा में काम करना है.’’
फैसला सुनाए जाने के समय पीड़िता के माता पिता भी अदालत कक्ष में मौजूद थे. फैसला सुनाए जाने के बाद 23 वर्षीय पैरामैडिक छात्र की मां ने अदालत कक्ष के बाहर मौजूद मीडिया से कहा, ‘‘ हमारा न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास है. हम इस फैसले को स्वीकार करते हैं. लेकिन अंतिम शांति तभी होगी जब दोषियों को उनके किए की सजा मिलेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पूरा न्याय तभी मिलेगा जब सब फांसी पर लटकाए जाएंगे.’’ निचली अदालत ने पिछले वर्ष 13 सितंबर को चार दोषियों को मौत की सजा सुनाते हुए कहा था कि जिस तरीके से युवती के साथ अपराध को अंजाम दिया गया वह दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में आता है और यह कृत्य रौंगटे खड़े कर देने वाला और पाश्विक है , इसलिए दोषियों को ‘‘मरने तक फांसी पर लटकाया जाए.’’