मनीला: फिलीपीन में तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी के 48 घंटों के भीतर उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को वापस ले लिया गया क्योंकि पुलिस ने पाया कि एक सर्विस सेंटर में उनके कार में सी-4 विस्फोटक गुप्त रुप से रख दिए गए थे.
भारतीयों के वकीलों रयान मुरो के अनुसार कोलंबिया शहर के अभियोजक नोएल ओकाम्पो ने पाया कि ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती जिसके आधार पर नरेंद्र सिंह और उसके दो साथियों रजत कुमार एवं जसबीर सिंह को अवैध रुप से विस्फोटक रखने का आरोपी बनाया जाए.
नरेंद्र बुधवार सुबह अपनी टोयोटा एवांजा कार को सर्विसिंग के लिए लागुना के अलामिनोस स्थित टोयोटा सर्विस सेंटर ले गए थे. मुरो ने पाया कि अपनी कार को छोड़कर दोनों भारतीय साथियों से निकट सैन पाबलो सिटी में चले गए जहां उसे उन्हें राष्ट्रीय जांच ब्यूरो (एनबीआई) की मंजूरी का नवीनीकरण करवाना था. सर्विस मैकेनिक ने कार में बम देखने के बाद पुलिस को बुलाया. कार में लगा विस्फोटक सैन्य स्तर का सी-4 विस्फोटक था. इसे एक मोबाइल फोन में फिट करके कार की इंजन नीचे लगाया गया था.
पुलिस के कहने पर मैकेनिक ने कार मालिक को बहाने से बुलाया. मुरो ने कहा, ‘‘एक पुलिसकर्मी ने बताया कि वह इस बात को लेकर डरा था कि मोबाइल फोन के कॉल से विस्फोट हो सकता था, लेकिन मेरा मुवक्किल बहुत देर तक मोबाइल पर बात करता रहा, लेकिन कुछ नहीं हुआ.’’ पुलिस ने तीन भारतीयों को गिरफ्तार कर लिया. कल तीन भारतीयों ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें बम के बारे में नहीं पता था.
मुरो ने कहा, ‘‘अगर नरेंद्र हमले की साजिश रच रहा था तो वह एनबीआई की मंजूरी के नवीनीकरण के लिए क्यों गया?’’ उन्होंने कहा कि तीनों भारतीयों ने आरोप लगाए जाने के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं कराने का फैसला किया है, लेकिन उन्होंने इस बात पर दुख जताया है कि उन्हें तत्काल संदिग्ध समझ लिया गया.