जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गर्भवती महिलाओं को जीका विषाणु से प्रभावित इलाकों की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है. उनका कहना है कि जीका से जन्म संबंधी दोष होने की बढती आशंका के बीच यह नया परामर्श जारी किया गया. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने मच्छर जनित विषाणु के तेजी से प्रसार पर बुलायी गयी आपात बैठक के बाद कल एक बयान जारी कर कहा, ‘गर्भवती महिलाओं को जीका विषाणु के प्रकोप वाली जगहों की यात्रा नहीं करने की सलाह दी जाती है.’
इससे पहले डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों में गर्भवती महिलाओं को जीका प्रभावित इलाकों की यात्रा के खतरे से आगाह किया गया था. डब्ल्यूएचओ ने जीका और नवजात बच्चों में गंभीर मस्तिष्क विकृति पैदा करने के लिए जिम्मेदार माइक्रोसेफली के बीच संबंध पर ध्यान आकर्षित किया, बहरहाल अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. डब्ल्यूएचओ की प्रमुख मार्ग्रेट चान ने संवाददाताओं को बताया कि ‘निश्चित साक्ष्य मिलने तक इंतजार नहीं किया जा सकता है’
इसलिए गर्भवती महिलाओं को उन जगहों की यात्रा नहीं करने की सलाह दी जाती है. चान ने बताया कि जीका पर हालिया अनुसंधान के निष्कर्षों को ‘चौंकाने’ वाले हैं जिसमें यह साक्ष्य भी मजबूत हो रहे हैं कि इस विषाणु के कारण मस्तिष्क संबंधी गंभीर विकार गुइलेन-बैरे सिंड्रोम होते हैं.