वाशिंगटन : अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में चार विधानसभा चुनावों के परिणामों ने अगले साल होने जा रहे आम चुनाव से पहले विपक्षी भाजपा को आवश्यक गति जरुर प्रदान की है, लेकिन इसमें न तो ‘नरेंद्र मोदी की लहर’ का कोई संकेत दिखा और न ही यह अगले साल ऐसे ही प्रदर्शन की गारंटी है.
भारत के चुनावों पर करीब से नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और दिल्ली, जहां ‘आप’ ने बहुत से लोगों को चौंका दिया, में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन का एकमात्र कारण केवल मोदी नहीं हैं. साउथ एशिया, मैक्लार्टी एसोसिएट्स के निदेशक रिचर्ड एम रोसो ने कहा, ‘‘इन राज्यों में भाजपा हमेशा मुकाबले में रही है, लगभग ऐसे ही नतीजे 2003 में थे. लहर की बड़ी परीक्षा इस बात को लेकर होगी कि क्या भाजपा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल से लोकसभा सीटें जीत सकती है. पिछले दो चुनावों में भाजपा को इन राज्यों से केवल एक संसदीय सीट मिली थी.’’
हाल के महीनों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार मोदी ने इन राज्यों का एक दर्जन से अधिक बार दौरा किया है. उन्होंने कहा,‘‘हर किसी की राय है कि कोई ऐसा ठोस सबूत नहीं दिखता जो यह साबित करे कि किसी भी नेता ने किसी एक दिशा में कोई लहर पैदा की है.’’