इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने रावलपिंडी शहर में हुई जातीय हिंसा में कम से कम 10 लोगों के मारे जाने के बाद आज जांच का आदेश दिया. शहर में कर्फ्यू आज दूसरे दिन भी जारी रहा. प्रशासन को शहर में कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए सेना तैनात करनी पड़ी.
लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ममनून राशिद शेख की अध्यक्षता वाला न्यायिक आयोग मामले की जांच करेगा. रावलपिंडी में कल रात कर्फ्यू में साढ़े तीन घंटे (रात नौ से साढ़े 12 बजे के बीच) की ढील के बाद कर्फ्यू ऐहतियाती कदम के तौर पर दोबारा लगा दिया गया क्योंकि शुक्रवार की झड़पों में मारे गए लोगों को आज दफन किया जाना है. रावलपिंडी में मोबाइल फोन नेटवर्क अभी तक बंद है. सेलफोन नेटवर्क इस्लामाबाद में भी बंद है.
कर्फ्यू रावलपिंडी के 19 पुलिस थानों के दायरे में लगाया गया है. कर्फ्यू तब लगाया गया जब गत शुक्रवार को रावलपिंडी में मुहर्रम जुलूस में शामिल शिया समुदाय के लोगों की सुन्नी मदरसे के छात्रों से झड़प हो गई. इस हिंसा में 10 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए. आज रावलपिंडी में पुलिस और बड़ी संख्या में सैनिकों ने गश्त की.
हाल के वर्षों यह पहली बार है जब पंजाब प्रांत और विशेष तौर पर रावलपिंडी में कर्फ्यू लगाया गया है. रावलपिंडी में सेना का मुख्यालय भी है. पंजाब के मुल्तान और चिश्तियां कस्बे में सेना पहले ही तैनात कर दी गई है क्योंकि रावलपिंडी में हिंसा के बाद इन दोनों कस्बे में भी झड़पें हुई. मीडिया की खबरों के अनुसार कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं.