चीन : चीन व भारत के बीच जब भी कूटनीतिक संबंधों की बात होती है, तो उसमें संशय बना रहता है, लेकिन पहली बार नयी बयार देखने को मिल रही है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विदेश दौरे को चीनी मीडिया प्रमुखता दे रहा है. ज्यायादातर चीनी अखबार मनमोहन सिंह को ऐसे नेता के तौर पर देख रहे हैं, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में भारत–चीन के आपसी रिश्तों को बदल कर रख दिया है.
* आर्थिक सुधारों के जनक
चीन के सरकारी टेलीविजन चैनल सीसीटीवी ने मनमोहन सिंह को प्राथमिकता देते हुए उन्हें भारत में आर्थिक सुधारों का जनक बताया है. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने भारत–चीन के आपसी रिश्तों को बेहतर बनाने का श्रेय मनमोहन सिंह को दिया है. कुछ विशेषज्ञों ने द चाइना डेली से कहा कि उन्हें मनमोहन सिंह की यात्रा के दौरान कई क्षेत्रों में प्रगति होने की उम्मीद है. इसमें सीमा रक्षा समझौता, चीन, बांग्लादेश और म्यांमार के बीच आर्थिक कॉरीडोर के निर्माण के अलावा भारत में चीनी निवेशवाले आर्थिक जोन जैसे मसले शामिल हैं.
* बेहतर संबंध की कोशिश
चीनी फॉरेन अफेयर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सू हआयो ने चीनी न्यूज सर्विस से कहा कि मनमोहन सिंह की यात्रा चीनी प्रधानमंत्री ली के क्वांग की यात्रा के बदले हो रही है और यह दर्शाता है कि दोनों देश के नेता आपसी संबंधों को महत्व दे रहे हैं. हआयो ने कहा कि भारत और चीन आपसी रिश्तों की नयी शुरुआत करना चाहते हैं और दोनों पक्ष सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं.
* कदम बढ़ाने की जरूरत
कुछ मीडिया समूहों और विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए आम लोगों के बीच संपर्क और कारोबारी संबंध बढ़ाने की जरूरत है. चीनी सरकार द्वारा संचालित चाइनीज अकादमी ऑफ सोशल साइंसेज थिंक टैंक की दक्षिण एशिया मामलों की विशेषज्ञ ये हेलिन ने सीसीटीवी से कहा, चीनी निवेश और कारोबार को बढ़ावा देना भारत सरकार के लिए दोधारी तलवार की तरह है, क्योंकि राज्यों में मौजूद विपक्षी दलों की सरकार इसका इस्तेमाल जनभावना भड़काने के लिए कर सकती हैं.
भारत और चीन एशिया के बड़े और विकासशील देश हैं. दोनों ऐसे पड़ोसी भी हैं, जिनके बीच सीमा विवाद है. अगर दोनों देश रणनीतिक तौर पर आपसी संबंधों को मजबूत करते हैं, तो यह दो बड़ी शक्तियों के बीच संबंधों की नयी शुरु आत होगी.
प्रोफेसर सू हआयो