पवन कुमार पाण्डेय यूरोपियन यूनियन के देशों में लगातार बढ़ रही प्रवासियों की संख्या चिंता का कारण बनी हुई है. अकेले जर्मनी में 1992 से लेकर अबतक प्रवासियों की संख्या में 61 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बढ़ते प्रवासियों की संख्या से सिर्फ जर्मनी ही नहीं बल्कि लगभग पूरे यूरोपियन यूनियन के देश प्रभावित हुए […]
पवन कुमार पाण्डेय
यूरोपियन यूनियन के देशों में लगातार बढ़ रही प्रवासियों की संख्या चिंता का कारण बनी हुई है. अकेले जर्मनी में 1992 से लेकर अबतक प्रवासियों की संख्या में 61 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बढ़ते प्रवासियों की संख्या से सिर्फ जर्मनी ही नहीं बल्कि लगभग पूरे यूरोपियन यूनियन के देश प्रभावित हुए हैं. ग्रीस में मौजूदा आर्थिक संकट और रूस -यूक्रेन के बीच पैदा तनाव से जर्मनी की मुश्किलें बढ़ रही है. इसके साथ सीरिया में फैले आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट के प्रभाव से शरणार्थियों की संख्या लगातार वृद्धि हो रही है.
पहले से ही आर्थिक मंदी की शिकार यूरोपियन यूनियन की दूसरी सबसे बड़ी समस्या शरणार्थियों और प्रवासियों का आगमन है. दरअसल सीरिया, इराक और नाइजिरिया जैसे देशों में लगातार आतंक के माहौल की वजह से लोग पलायन कर रहे है. इन लोगों के पास न तो रहने का घर है और न ही नागरिकता .
इस बीच हंगरी के राजधानी बुड़ापेस्ट में पुलिस और शरणार्थियों के बीच झड़प होने की खबर है. शरणार्थी ट्रेन चढ़ना चाह रहे थे. उस दौरान सुरक्षा कर्मियों के साथ झड़प हो गयी. यूरोपियन यूनियन के राष्ट्राध्यक्ष इस बात पर विचार कर रहे है कि किस तरह से इस समस्या को निपटा जाये.अकेले हंगरी में इस साल 150,000 शरणार्थी पहुंच चुके है. ज्यदातर शरणार्थी सर्बिया के दक्षिणी सीमा से आ रहे है.