जकार्ता : भारत आर्थिक तथा सहयोग के अन्य क्षेत्रों में इंडोनेशिया के साथ संबंध मजबूत बनाना चाहता है तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस दक्षिण एशियाई देश की वर्तमान यात्रा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं.
सिंह ब्रुनेई में नौ से 10 अक्तूबर तक आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद कल रात यहां पहुंचे. प्रधानमंत्री को यहां पर उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों का साथ मिलेगा जिसमें विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा शामिल हैं.
इस यात्रा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद हैं तथा भारतीय प्रतिनिधिमंडल कल स्वदेश के लिए रवाना होगा.आसियान का एक प्रमुख सदस्य होने के अलावा भारत का एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय साझेदार है. दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था, संस्कृति, उर्जा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और विकास शामिल हैं.
सिंह ने ब्रुनेई और इंडोनेशिया की यात्रा से पहले कहा था कि भारत ‘‘भारत इंडोनेशिया के साथ संबंधों को इस व्यापक क्षेत्र के साथ समन्वय के जरुरी हिस्से के तौर पर देखता है.’’
उन्होंने आने वाले वर्षों के दौरान सहयोग बढ़ाने के लिए एक संस्थागत ढांचे के निर्माण की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा था, ‘‘मैं इस यात्रा का इस्तेमाल आसियान के साथ मजबूत साझेदारी की अपनी प्रतिबद्धता दोहराने के लिए करना चाहता हूं. हमारे पास इस दौरान क्षेत्रीय और समान हित के वैश्विक मुद्दों पर विचार के आदान प्रदान का भी मौका होगा.’’
इस यात्रा से इंडोनेशिया के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होने की उम्मीद है तथा सिंह और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो के साथ निर्धारित बैठक बामबांग के राष्ट्रपति के रुप में कार्यकाल की आखिरी बैठक हो सकती है.
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव अप्रैल 2014 में होने की उम्मीद है जब योधोयोना राष्ट्रपति के तौर पर अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करेंगे.
इस साझेदारी के बाद भारत.इंडोनेशिया द्विपक्षीय व्यापार में करीब पांच गुना बढ़कर वर्तमान में करीब 20 अरब डालर पर पहुंच चुका है जबकि इसके वर्ष 2015 तक 25 अरब डालर पहुंचाने का लक्ष्य है.