लंदन: पाकिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के समर्थन में अभियान चलाने पर तालिबान के हमले की शिकार सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने आज रुसी पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता अन्ना पोलितकोवस्कया के नाम पर गठित पुरस्कार जीता.आयोजक ‘रीच आल वीमन इन वार’ ने कहा कि लड़कियों के स्कूल जाने पर तालिबान द्वारा लगाये गये कड़े प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए मलाला ने अन्ना पोलितकोवस्कया की तरह खतरे के बावजूद चुप रहने से इंकार कर दिया.
चेचन्या संघर्ष की विरोधी मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार अन्ना पोलितकोवस्कया की मास्को में सात अक्तूबर 2006 को हत्या कर दी गई थी. पिछले साल नौ अक्तूबर को तालिबान द्वारा हमले की शिकार मलाला इस घटना के समय केवल 15 वर्ष की थी.
इस मौके पर मलाला ने कहा कि अन्ना पोलितकोवस्कया एक समर्पित पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता थीं. उन्होंने कई मुद्दों पर अभियान छेड़ा. उन्होंने ऐसे मुददों पर बात सामने रखी जिन पर अन्य बोलने की हिम्मत तक नही करते. वह बहुत बहादुर और प्रेरणादायी हैं.