वॉशिंगटन : मिस अमेरिका प्रतियोगिता जीतने वाली भारतीय मूल की पहली सुंदरी नीना दावुलुरी को खिताबी जीत के बाद सोशल साइट्स पर नस्लीय टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, नीना ने अपने खिताब को अमेरिका की अनेकता की जीत बताते हुए इस ओर ध्यान न देने को कहा. ट्विटर पर कुछ शरारती तत्वों ने नीना को अरब से अमेरिका में आकर बसने वाली बताकर उनका अलकायदा तक से रिश्ता जोड़ दिया.
उनको विजेता घोषित करने के साथ ही अमेरिकी में सोशल मीडिया पर जमकर नस्लीय टिप्पणी की जा रही है. लोगों ने अरब ने जीता मिस अमेरिका का ताज और क्या हम 9/11 भूल गए हैं, जैसे कॉमेंट पोस्ट किए. किसी ने मिस टेररिस्ट कहा तो किसी ने उन्हें मिस अलकायदा करार दिया.
ट्विटर पर लोगों ने लिखा, ‘कैसे कोई विदेशी मिस अमेरिका बन सकती हैं.’ नीना के रंग को लेकर भी घटिया टिप्पणी की गई बहै. कई लोगों ने उन्हें मोटी तो कई न उन्हें विदेशी तक कह डाला. कई लोगों ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ओबामा को खुश करने के लिए उन्हें मिस अमेरिका बनाया गया है. हालांकि, नीना के खिलाफ सोशल साइट्स पर चलाए जा रहे इस हेट कैंपेन का भारतीयों ने भी जवाब दिया है. एक भारतीय ने ट्वीट किया है,’डियर अमेरिका, अगर आप नस्लवादी होना चाहते हैं, तो आपको कोई नहीं रोक रहा है, लेकिन पहले भूगोल का अपना ज्ञान तो सुधारिए.’
वैसे, तथ्य यह है कि 53 अमेरिकी सुंदरियों को पछाड़कर मिस अमेरिका का ताज पहनने वाली नीना पूरी तरह से अमेरिकी हैं. विजयवाड़ा के रहने वाले उनके पिता दावुलूरी कोटश्वर चौधरी ने अमेरिका में उच्च शिक्षा हासिल की और स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर वहां बस गए. नीना का जन्म सिराकुसे, न्यू यॉर्क में हुआ, लेकिन चार वर्ष की उम्र में वह ओकलाहोमा और फिर 10 वर्ष की उम्र में मिशीगन रहने चली गईं. उन्होंने मिशीगन विश्वविद्यालय से विज्ञान की पढ़ाई की और अब वह अपने पिता की तरह डॉक्टर बनना चाहती हैं.