इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने जम्मू की जेल में घायल होने के बाद एक भारतीय अस्पताल में दम तोड़ने वाले पाक कैदी सनाउल्लाह रंजय की मौत के मामले की जांच की आज मांग की.
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता एजाज अहमद चौधरी ने कहा, जिस बर्बर तरीके से सनाउल्लाह पर जेल में हमला किया गया , वह सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण है और पाकिस्तान की सरकार के लिए यह गहरी चिंता का विषय है. चौधरी ने कहा, हमने इस संबंध में भारत सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है और इस घटना की जांच की मांग करने के साथ ही दोषियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किए जाने को कहा है.
पंजाब प्रांत के सियालकोट के रहने वाले सनाउल्लाह 1999 की आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. उन पर तीन मई को जम्मू की कोट भलवाल जेल में हत्या के दोषी एक साथी कैदी से झगड़ा होने के बाद हमला किया गया था.
भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की लाहौर की कोट लखपत जेल में हुए हमले में मौत के एक दिन बाद सनाउल्लाह पर हमला किया गया. 1990 में हुए बम धमाकों में संलिप्तता के दोषी ठहराए गए सरबजीत पर अन्य कैदियों ने इंर्टों से हमला किया था.
विदेश विभाग के प्रवक्ता चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान सनाउल्लाह के शव को वापस लाने का इंतजाम कर रहा है. उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि भारत सरकार इस काम को तेजी से करेगी. उन्होंने बताया कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री मीर हजार खान खोसो ने भारत सरकार से बात करभारतीय जेलों में सभी पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.
विदेश विभाग के प्रवक्ता चौधरी ने बताया, हमने भारत सरकार के समक्ष यह बात भी दोहरायी है कि वह भारतीय जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों के हालात पर केंद्रित चर्चा करे और जो पहले ही अपनी सजा पूरी कर चुके हैं उनकी भारत और पाकिस्तान के बीच कांसुलर एक्सेस एग्रीमेंट के अनुसार वापसी हो. गौरतलब है कि 480 से अधिक मछुआरों समेत कम से कम 532 भारतीय कैदी इस समय लाहौर, कराची और रावलपिंडी की जेलों में बंद हैं जबकि 272 पाकिस्तानी कैदी भारतीय जेलों में हैं.