सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) : याहू की मुख्य कार्यकारी मैरिसा मेयर को डर है कि यदि उन्होंने अपने याहू के नेटवर्क का इस्तेमाल करने वालों की सूचनाओं को अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए को मुहैया न कराया तो उन्हें देशद्रोह के आरोप में जेल भेजा जा सकता है.
उन्होंने यह बात सैन फ्रांसिस्को में टेकक्रंच डिसरप्ट सम्मेलन के मंच पर हुए कल एक साक्षात्कार के दौरान एक सवाल के सवाल के जवाब में कही. उनसे पूछा गया था कि वह सरकारी निरंकुशता से याहू का उपयोग करने वालों की गोपनीयता की सुरक्षा के लिए क्या कर रही हैं.
मेयर ने कहा कि याहू अमेरिकी सरकार द्वारा विदेशी आसूचना निगरानी अदालत की स्वीकृति के साथ सूचना के लिए प्रस्तुत आवेदनों जांच करती है और आंकड़ों के लिए सरकार के आवेदनों का प्रतिवाद भी करती है. पर यदि इस लड़ाई में हार जाती है या फिर जब उसे देशद्रोही करार दिये जाने का जोखिम होता है तो उसे वही करना होता है जैसा कि उसे निर्देश दिया जाता है.
यह पूछने पर कि वह अमेरिकी जासूसी एजेंसी द्वारा याहू का उपयोग करने वालों के संबंध में मांगी गई जानकारी जाहिर क्यों नहीं करतीं, मेयर ने कहा कि यदि आप इस आवेदन पर अमल नहीं करते तो यह देशद्रोह है. उन्होंने कहा कि सरकार डाटा के लिए जो अनुरोध भेजती है वह अदालती सहमति के साथ आती है और उसके बारे में कंपनी के अधिकारियों को किसी से कुछ बताने की मनाही होती है.
उन्होंने कहा हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते क्योंकि यह गोपनीय है. गोपनीय जानकारी पेश करना देशद्रोह है और आपको जेल होती है. अपने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिहाज से व्यवस्था के दायरे में काम करना ही बुद्धिमानी है. याहू, गुगल, फेसबुक और माइक्रोसाफ्ट उन इंटरनेट कंपनियों में शामिल हैं जो अपने उपयोगकर्ताओं को आतंकवाद और अन्य जोखिम से निपटने के नाम पर मांगी गयी सूचना के विषय में और अधिक जानकारी मुहैया कराने की छूट चाह रही हैं.
फेसबुक के सह-संस्थापक और प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने इस सम्मेलन में कहा हमारी सरकार की जिम्मेदारी है कि व हमारी रक्षा करे एवं हमारी स्वतंत्रा की रक्षा करे और अर्थव्यवस्था व कंपनियों की रक्षा करे.
इस खुलासे से एनएसए की भारी मात्रा में जुटाई गई जानकारी के संभालने की क्षमता पर सवाल खड़ा हो गया है. साथ ही संदेह जाहिर किया गया है कि क्या अमेरिकी सरकार अपने नागरिकों की निजता की रक्षा में सक्षम है.