तेहरान: अमेरिकी आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए भारत ने ईरान के साथ रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए समझौता किया. इसके जरिये भारत को पाकिस्तान से हटकर अफगानिस्तान तक पहुंचने का समुद्री और थल मार्ग मिल जाएगा.
ईरान की यात्रा पर आए सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की ईरान के नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
एक सूत्र ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद सहमति ज्ञापन :एमओयू: पर दस्तखत किए गए.’’ ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने आज कहा कि चाबहार बंदरगाह के विकास में भारत के सहयोग से दोनों देशों के संबंधों में एक नये अध्याय की शुरआत होगी. उन्होंने खनिज तेल भंडार से सम्पन्न अपने देश के बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए भारतीय निवेशकों को आमंत्रित किया.
चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है. भारत के लिए इसकी उपयोगिता बहुत अधिक है क्योंकि इसके रास्ते भारत को पाकिस्तान के बाहर अफगानिस्तान तक पहुंचने का एक समुद्री और जमीनी रास्ता मिल जाएगा.
अमेरिका लगातार भारत व अन्य देशों से कहता रहा है कि वे ईरान के साथ व्यापार करने में जल्दबाजी न करें क्योंकि अभी तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर करार को अभी तक अंतिम रुप नहीं दिया जा सका है.