इस्लामाबाद : करीब आठ माह पहले नगीना अकरम एक खुशहाल विवाहिता महिला थी और अब उसे अपने लिये एक लडकी की तलाश है. पाकिस्तान में सिंध प्रांत के गाजियाबाद के एक परिवार में जन्मी नगीना के पिता हाजी अकरम एक व्यापारी थे.
नगीना का 2011 में स्पेन में काम करने वाले खालिद के साथ विवाह हुआ और दो साल उन्होंने दम्पति के रुप में जीवन बिताया. खालिद हर छह माह अथवा इसके आसपास अपनी पतनी को देखने आता. जब दो साल शादी के बाद भी उनके औलाद ना हुई तो उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श किया.
परीक्षण के बाद पुष्टि हुई कि नगीना अकरम का सेक्स परिवर्तन हो रहा है और उसकी सजर्री होनी चाहिये. एक निजी अस्पताल में उसका सजर्री के बाद नगीना पुरुष बन गयी और नाम रख लिया उस्मान अकरम. खालिद उस समय स्पेन में था और अपने साथ पत्नी को ले जाने के लिये दस्तावेज तैयार करने में व्यस्त था.
अकरम ने डान को बताया कि उसे पुरुष बनने पर शुरु में काफी शर्म आयी और उसने पुरुष की तरह दिखने के लिये दाढी बनानी शुरु की. पुरुष के लक्षण की पुष्टि होते ही उसने खालिद को सूचित कर दिया था जिसके बाद दोनों के बीच कोई सम्पर्क नहीं हुआ. खालिद के परिवार ने सौहार्दपूर्ण तरीके से दहेज लौटा दिया क्योंकि उसे लगा कि अकरम को जीवनयापन के लिये धन चाहिये. और अकरम ने एक बस स्टैन्ड पर टायर की दुकान खोल ली. अब उसे घर बसाना है और इसके लिए एक लडकी की जरुरत है.