वाशिंगटन: भारत ने लद्दाख में सीमा पर चीनी घुसपैठ के मुद्दे से निपटने के लिए अमेरिकी मदद हासिल किए जाने से इनकार किया है और साथ ही जोर देकर कहा है कि भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में खुद पूरी तरह सक्षम है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने कल अपनी छह दिवसीय अमेरिकी यात्रा की समाप्ति पर कहा, अंतत: भारत के अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना एक स्वायत्त कार्रवाई है. हम अपने हितों की रक्षा के लिए दूसरों से मदद मांगने के लिए इधर- उधर नहीं भागते. हम एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं.मेनन ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान ओबामा प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की.
अप्रैल में चीनी पीएलए सैनिक लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में दस किलोमीटर भीतर तक घुस आए थे और वहां उन्होंने खेमेबंदी कर ली थी.उन्होंने कहा, आपका सवाल यह था कि क्या हम भारत की रक्षा के लिए अमेरिका के पास गए थे, तो जवाब है नहीं. उनसे सवाल किया गया था कि क्या भारत ने पछले सप्ताह जारी सीआईए की एक रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में हालिया चीनी घुसपैठ के दौरान अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए अमेरिका से मदद मांगी थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद भारत ने अमेरिकी मदद के लिए गुहार लगायी थी.