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धार्मिक आजादी आयोग ने ओबामा के भारत में धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी बयानों की तारीफ की

वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी कांग्रेस के एक आयोग ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उन्होंने भारत के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के साथ साथ भारत की अपनी यात्र के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी चिंताओं की भी बात की. यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) की […]

वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी कांग्रेस के एक आयोग ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उन्होंने भारत के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के साथ साथ भारत की अपनी यात्र के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी चिंताओं की भी बात की.
यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) की अध्यक्ष कैटरीना लांतोस स्वेट ने कहा, राष्ट्रपति ओबामा की सही समय पर की गई ये टिप्पणियां भारत में धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार की महत्ता पर जोर देती हैं. उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने भारत में खासकर ओडिशा और गुजरात में धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी तथ्यों के सर्वेक्षण के लिए जाने वाले यूएससीआईआरएफ के सदस्यों को वीजा देने से इनकार कर दिया था.
यूएससीआईआरएफ अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के स्तर को लेकर काफी आलोचनात्मक रहा है. उसने 2009 से भारत को टाइयर टू देश के रुप में नामित किया है.
यूएससीआईआरएफ ने एक बयान में कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता एक ऐसी चुनौती है जिससे भारत को अपनी विविधताओं एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के लंबे इतिहास के मद्देनजर निपटना चाहिए.
स्वेट ने कहा, भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 में अंत:करण की स्वतंत्रता और धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता की बात की गई है. भारत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करके और धर्म के आधार पर उत्पीडन करने, धमकी देने और हिंसा करने वालों को जवाबदेह बनाकर धार्मिक स्वतंत्रता की चुनौती से निपट सकता है.
यूएससीआईआरएफ ने कहा कि वह ओबामा की इस बात के लिए प्रशंसा करता है कि उन्होंने भारत के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के साथ साथ जनवरी के अंत में भारत की तीन दिवसीय यात्र के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी चिंताओं का भी जिक्र किया. इसके अलावा उन्होंने पांच फरवरी को नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट में भी इस चिंता को दोहराया.
स्वेट ने कहा कि ओबामा ने ऐसे समय पर ये चिंताएं व्यक्त की हैं जब भारत के अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के खिलाफ र्दुव्‍यवहार बढ रहा है. स्वेट ने कहा, भारत अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण साझीदारों में से एक है. भारत दुनिया का सबसे बडा लोकतंत्र है जिसकी जनसंख्या तकरीबन एक अरब 22 करोड है. यहां बहुलवादी समाज है और यह कई धर्मों की जन्मभूमि है. इस समाज में विश्व में तीसरे नंबर पर सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या रहती है. यहां कई यूरोपीय देशों से अधिक संख्या में ईसाई रहते हैं. हमारे इन दोनों देशों के कई मूल्य साझे हैं और धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखना भी इन्हीं मूल्यों में शामिल होना चाहिए.
ओबामा ने नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट में कहा था, पिछले सालों में सभी प्रकार के धर्मो को कई अवसरों पर अन्य धर्मो के लोगों द्वारा निशाना बनाया गया केवल उनकी विरासत और उनकी आस्थाओं को लेकर असहिष्णुता की ये घटनाएं गांधीजी को दहला देतीं, वह व्यक्ति जिसने उस देश को आजादी दिलाने में मदद की.

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