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चीन की वृहद रेशम मार्ग परियोजना को लेकर कई देशों को है अविश्वास
बीजिंग : वृहद नए रेशम मार्ग और समुद्री रेशम मार्ग योजनाओं को आक्रामक ढंग से आगे बढा रहे चीन ने अन्य देशों के बीच इन योजनाओं की ‘सामरिक मंशाओं’ को लेकर ‘अविश्वास’ स्वीकार किया है और उसने क्षेत्रीय आधिपत्य की उनकी चिंताओं को दूर करने पर जोर दिया है. रेशम मार्ग योजनाओं और अमेरिका के […]
बीजिंग : वृहद नए रेशम मार्ग और समुद्री रेशम मार्ग योजनाओं को आक्रामक ढंग से आगे बढा रहे चीन ने अन्य देशों के बीच इन योजनाओं की ‘सामरिक मंशाओं’ को लेकर ‘अविश्वास’ स्वीकार किया है और उसने क्षेत्रीय आधिपत्य की उनकी चिंताओं को दूर करने पर जोर दिया है.
रेशम मार्ग योजनाओं और अमेरिका के द्वितीय विश्वयुद्ध के उपरांत मार्शल योजना के बीच तुलना को खारिज करते हुए चीन की संवाद एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि चीन का क्षेत्रीय आधिपत्य बढाने के लिए ‘एक पट्टी और एक सड़क’ का लक्ष्य नहीं है.
उल्लेखनीय है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इन योजनाओं के लिए 40 अरब डॉलर आबंटित किया है. हालांकि, भारत की इन योजनाओं पर आपत्ति है.
संवाद एजेंसी ने कहा, इन सबके बावजूद रेशम मार्ग के प्रस्तावों के पीछे चीन की सामरिक मंशा को लेकर अन्य देशों में अविश्वास है. यह चौंकाने वाली चीज नहीं है क्योंकि ये नई पहल हैं खासकर शक्तिशाली देशों के लिए. रेशम मार्ग में चीन को मध्य एशिया के जरिए यूरोप से जोडने वाले प्राचीन रेशम मार्ग सहित सडकों का जाल बनाया जाना है.
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