इस्लामाबाद : मुम्बई हमलों और बेनजीर भुट्टो हत्याकांड के मामलों को देख रहे एक वरिष्ठ अभियोजक की आज अज्ञात बंदूकधारियों ने पाकिस्तान की राजधानी में गोली मारकर हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया कि सुबह साढ़े सात बजे व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र कराची कंपनी में मोटरसाइकिल सवार बंदूकधारियों ने पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी के अभियोजक चौधरी जुल्फीकार अली की कार पर गोलियां बरसाईं.
कार चला रहे अली को कई गोलियां लगीं और उन्होंने कार से नियंत्रण खो दिया. उनकी कार ने सड़क पार कर रही एक महिला को टक्कर मार दी जिससे उसकी भी मौत हो गई.
हमले में उनका अंगरक्षक फरमान अली घायल हो गया जो फंट्रियर कोर से है.
अभियोजक के पुत्र निसार ने मीडिया को बताया कि हमले के वक्त उसके पिता भुट्टो हत्याकांड की एक सुनवाई के लिए सैन्य शहर रावलपिंडी स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत जा रहे थे.
चौधरी जुल्फीकार अली और उनके अंगरक्षक फरमान अली को सरकार संचालित पाकिस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ले जाया गया.
कुछ चिकित्सकों ने कहा कि चौधरी जुल्फीकार अली की तत्काल मौत हो गई क्योंकि उनके चेहरे में कई गोलियां लगीं.
बंदूकधारी खुलेआम गोलीबारी कर फरार हो गए. किसी भी समूह ने अभी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
अली के पुत्र निसार और अनाम सहकर्मियों के हवाले से टेलीविजन समाचार चैनलों ने कहा कि अभियोजक को कुछ समय से एक प्रतिबंधित चरमपंथी समूह से धमकियां मिल रही थीं.
उनके सहकर्मियों ने बताया कि इसके बावजूद अली ने आतंकवाद से संबंधित हाई प्रोफाइल मामलों में अपनी पैरवी जारी रखी.
अभियोजक की हत्या ऐसे समय हुई है जब बेनजीर भुट्टो हत्याकांड और मुम्बई में हुए आतंकी हमलों से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आए हैं.
गत 13 अप्रैल को गवाह के रुप में पेश किए गए कराची के एक व्यक्ति ने मुम्बई हमलों के एक आरोपी शाहिद जमील रियाज की पहचान उस व्यक्ति के रुप में की थी जिसने 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई में हुए हमलों के लिए आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की गई हवा वाली नौकाएं खरीदी थीं.