पेशावर: पाकिस्तान में तालिबान की धमकी से बेपरवाह होकर लड़कियों की शिक्षा की पैरोकारी करने वाली मलाला यूसुफजई के जन्मदिवस के मौके पर आज पूरी दुनिया में ‘मलाला दिवस’ मनाया गया, हालांकि इस दिन उनके गृह जिले में उनके साहस और संघर्ष को लगभग भुला दिया गया.
मलाला दिवस के मौके पर पाकिस्तान में कई स्थानों पर संगोष्ठियों, सम्मेलनों और समारोहों का आयोजन किया गया. इनमें विद्वानों, शिक्षाविदों और विश्लेषकों ने हिस्सा लिया तथा तालिबान के खिलाफ उनके संघर्ष का स्मरण किया. मलाला आज 16 साल की हो गईं.
मलाला के गृहनगर स्वात में इस दिन पर कुछ खास नहीं हुआ. स्वात में ही तालिबान ने पिछले साल मलाला पर हमला किया था. इस हमले के बाद यहां स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है.