लंदन : पिछले वर्ष एक भारतीय दंत चिकित्सक की गर्भपात की वजह से हुई मौत से मचे हंगामें के बाद आइरिश सांसदों ने आज देश के नए अभूतपूर्व कानून के पक्ष में मतदान किया है, जिसमें कुछ सीमित मामलों में गर्भपात की अनुमति दे दी है.
प्रधानमंत्री ऐडा केनी और उनकी गठबंधन सरकार ने गर्भावस्था में जीवन की सुरक्षा के आशय वाला विधेयक पेश किया, जिसमें केवल उन्हीं मामलों में गर्भपात की अनुमति दी गई है, जहां गर्भ की वजह से जननी के जीवन पर खतरा हो या वह आत्मघाती हो.
165 संशोधनों पर संसद में चली लंबी चर्चा के बाद केल देर रात 12.30 बजे (स्थानीय समयानुसार) 31 के मुकाबले 127 मतों से इसे पारित कर दिया गया.
देश की गंठबंधन सरकार को सदन में भारी बुहमत और कुछ विपक्षी नेताओं के समर्थन की वजह से संशोधन बेहद आसानी से पारित हो गये। इस नये विधेयक पर अब उपरी सदन में मतदान होना है और वहां भी सत्ता पक्ष को बहुमत प्राप्त है.
पिछले वर्ष अक्टूबर में गर्भपात की अनुमति न मिलने की वजह से हुई भारतीय दंतचिकित्सक सवीता हलप्पनावर की मौत के बाद मुख्य रुप से कैथोलिक विचारधारा वाले में इस देश को अपने गर्भपात विरोधी कानून की समीक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
इस वर्ष कीशुरुआतमें 31 वर्षीय सवीता की मौत की जांच रिपोर्ट में यह बताया गया कि अगर समय उसका गर्भपात कर दिया जाता तो उसका जीवन बच सकता था.