मिस्रः मिस्र में अभियोजन कार्यालय ने मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता मोहम्मद बदी के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है.बदी पर सोमवार को सेना के बैरक के पास प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है. वहां प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 50 से ज़्यादा लोग मारे गए थे. मृतकों में ज़्यादातर अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थक थे.
ब्रदरहुड का विरोध
काहिरा में रहने वाले मुस्लिम ब्रदरहुड के एक समर्थक तामीर अल-नशीर ने कहा, “हाज़िम अल बेब्लावी पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक की सरकार से जुड़े रहे हैं और इस बार उन्हें एक कठपुतली प्रधानमंत्री के तौर पर चुना गया है. हम सैन्य तख्तापलट का समर्थन नहीं करते हैं और ये सब सैन्य तख्तापलट की ही वजह से हो रहा है. बेब्लावी को कोई मंत्रालय किसी को देने का अधिकार ही नहीं बनता.”
मिस्र में घटनाक्रम तेज़ी से बदल रहा है.
बेब्लावी ने बीबीसी की अरबी सेवा को बताया कि वह अनुभव और क्षमता के आधार पर अपने मंत्रियों का चुनाव करेंगे.
"हम मिस्र प्रशासन की प्रतिक्रिया और स्थिति को संभालने के प्रयासों का विश्लेषण कर रहे हैं. राष्ट्रपति मुर्सी को सत्ता से हटाए जाने और नेतृत्व में परिवर्तन के लिए पिछले हफ़्ते हुए गतिविधियों को समझने और किसी निर्णय पर पहुँचने में हम पूरा और जऱूरी वक्त लेंगे. राष्ट्रपति मुर्सी को सत्ता से हटाए जाने को लेकर हम अब भी गंभीर रूप से चिंतित हैं. जो मैंने कल कहा, और कल से पहले कहा है वह आज भी सच है. हम समझते हैं कि सहायता कार्यक्रमों में तत्काल बदलाव करना संयुक्त राज्य अमरीका के हितों में नहीं है."
जे कार्नी, प्रवक्ता व्हाइट हाऊस
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने मिस्र में मनमाने ढंग से हो रही गिरफ़्तारियों के प्रति अमरीकी विरोध को दोहाराया. जब उनसे पूछा गया कि क्या अमरीका मिस्र में हुए सत्ता परिवर्तन को सैन्य तख़्तापलट मानता है तो उन्होंने कहा कि अमरीका अभी इस नाजुक स्थिति में मिस्र की सेना की प्रतिक्रिया का आँकलन कर रहा है.
सत्ता हस्तांतरण
2011 में हुई क्रांति के बाद से ही मिस्र में हालात अस्थिर बने हुए हैं
मिस्र के अंतरिम राष्ट्रपति अदली मंसूर ने पूर्व वित्त मंत्री हाज़िम अल-बेब्लावी को प्रधानमंत्री नियुक्त कर अपनी स्थिति मज़बूत करने की कोशिश की है.
बीबीसीसाभार