इस्लामाबाद: पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के प्रमुख जनरल राहिल शरीफ सोमवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात कर गहराते राजनीतिक संकट का हल निकालने के तरीकों पर विचार विमर्श करने के बाद शरीफ को पद छोड़ने की बात कही. मीडिया की खबरों में दावा किया जा है कि बैठक में संकट से घिरे शरीफ को पद छोडने की सलाह दी गयी है. टीवी चैनलों की खबरों के अनुसार सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री शरीफ को पद छोडने की सलाह दी है.
इसके बाद सरकार और सेना ने इन दावों का अलग अलग खंडन करते हुए इन्हें ‘आधारहीन’ बताया है. दुनिया टीवी की खबर के अनुसार जनरल शरीफ ने प्रधानमंत्री को तीन माह की अस्थायी अवधि के लिए इस्तीफा देने को कहा, जैसा की प्रदर्शनकारियों की मांग रही है ताकि पिछले आम चुनाव में कथित धांधली की स्वतंत्र आयोग द्वारा जांच करायी जा सके. पाकिस्तान तहरीके इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान एवं पाकिस्तान अवामी तहरीक के प्रमुख ताहिरुल कादरी यह मांग करते रहे हैं कि शरीफ को सीमित समय के लिए हट जाना चाहिए ताकि धांधली के दावों की जांच हो सके.
सरकार के एक प्रवक्ता ने टीवी चैनलों पर प्रसारित की जा रही अफवाहों का तुरंत खंडन किया. प्रवक्ता ने अफवाहों को ‘आधारहीन’ और ‘झूठा’ करार दिया. सेना प्रवक्ता मेजर जनरल असीम बाजवा ने भी खबरों से इंकार करते हुए ट्वीट किया, ‘सेना प्रमुख द्वारा प्रधानमंत्री से इस्तीफे या उन्हें अवकाश पर जाने के लिए कहने की खबरें निराधार हैं.’ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पुत्री मरियम नवाज शरीफ ने भी समाचारों को ‘कुप्रचार’ कहकर खारिज कर दिया.
PM-COAS meeting:News of #Army #Chief asking #PM to resign or going on leave is baseless
— Gen(R) Asim Saleem Bajwa (@AsimBajwaISPR) September 1, 2014
शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई को बताया कि सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री ने मौजूदा सुरक्षा एवं राजनीतिक स्थिति के बारे में विचार विमर्श किया. जनरल शरीफ ने प्रधानमंत्री को कल कमांडरों की बैठक के बारे में जानकारी दी. पीएमएल एन नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने इस बात की पुष्टि की कि देश के संविधान के विरुद्ध कोई निर्णय नहीं किया जायेगा और संसद की मंजूरी ली जायेगी.’
लोकतंत्र के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए सेना ने कल बेहद चिंता के साथ मौजूदा राजनीतिक संकट और इसके हिंसक होने के बारे में समीक्षा की. इस संकट के हिंसक हो जाने के परिणामस्वरुप बडे स्तर पर लोग घायल हो गये और लोगों की जान गयी. पाकिस्तान की 1947 में स्थापना होने के बाद से इसके आधे से अधिक इतिहास में सेना जनरलों का शासन रहा है. सेना ने कहा था, ‘स्थिति का समाधान बिना समय गंवाये और हिंसक तरीकों को अपनाये बिना राजनीतिक रुप से निकाला जाना चाहिए.’
इमरान खान चाहते हैं कि पीएमएल एन की सरकार को पिछले साल हुए चुनाव में धांधली के कारण सत्ता छोड देनी चाहिए. उधर, कादरी देश में क्रांति लाना चाहते हैं. दोनों ही नेता 14 अगस्त से आंदोलन कर रहे हैं.