यरुशलम:गाजा: गाजा में करीब एक महीने के संघर्ष के बाद आज उस वक्त शांति स्थापित होती दिखी जब मिस्र की मध्यस्थता वाला संघर्ष विराम लागू हो गया. इसके साथ ही इस्राइल ने गाजा से अपने सैनिक हटा लिए जिससे अस्थायी संघर्ष विराम की संभावना भी प्रबल हुई है.संघर्षविराम शुरु होने के कुछ ही मिनट पहले(स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजे) हमास ने लंबी दूरी के रॉकेट दागे और उन्हें इस्राइल द्वारा किए गए ‘‘नरसंहार’’ का बदला बताया. नरसंहार से अभिप्राय लगभग 1900 फलस्तीनियों की हत्या से था.
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख बान की-मून ने आज मिस्र की मध्यस्थता के बाद इस्राइल और फलस्तीन के बीच शुरु किए गए 72 घंटे के संघर्ष विराम का स्वागत किया है. उन्होंने दोनों पक्षों से अपील की है कि वे जल्दी से जल्दी स्थायी संघर्षविराम पर और गाजा पट्टी की ‘‘त्रसदीपूर्ण स्थिति’’ में बदलाव लाने के लिए काहिरा में चर्चा करें.इस्राइली सेना ने कहा कि गाजा की ओर से दागे गए 17 में से 6 रॉकेटों को मिसाइल-रोधी आयरन डोम रक्षा तंत्र ने रास्ते में ही रोक दिया था.हमास द्वारा दागे गये रॉकेटों से छोटा-मोटा नुकसान हुआ है लेकिन किसी को चोट नहीं आई हैं.
इस्राइली बलों ने भी जवाब में वार किए लेकिन संघर्ष विराम के प्रभावी हो जाने से ठीक पहले बंदूकें शांत हो गईं. इसी बीच इस्राइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा है कि गाजा से जमीन अभियान में लगे सैनिकों को हटा लिया गया है.
इस्राइली सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल पीटर लर्नर ने सीएनएन से कहा, ‘‘अब गाजा में भीतर हमारा कोई सैनिक नहीं है.’’उन्होंने कहा, ‘‘इस्राइल रक्षा बलों को गाजा पट्टी के बाहर रक्षात्मक स्थितियों में दोबारा तैनात किया जाएगा और हम उन रक्षात्मक स्थितियों को बरकरार रखेंगे.’’ आईडीएफ प्रवक्ता मोती आलमोज ने सेना के रेडियो को बताया कि सभी इस्राइली सैनिक गाजा छोड चुके हैं.
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कल रात अपने मंत्रिमंडल के मंत्रियों को बताया कि वे हमास के साथ तीन दिन के संघर्षविराम के लिए सहमत हो गए हैं और यह मंगलवार सुबह से शुरु होगा.गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले हमास के प्रवक्ता ने भी मध्यरात्रि के ठीक बाद घोषणा कर दी कि फलस्तीन के सभी संगठनों ने उस प्रस्ताव को स्वीकार करने का फैसला किया है, जो एक स्थायी समझौते तक पहुंचने के लिए काहिरा में चर्चा कराने का आश्वासन देता है.गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि चार सप्ताह के इस युद्ध में लगभग 1880 फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर नागरिक हैं. कुल 67 इस्राइल मारे गए हैं.