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भारत के साथ नया सुरक्षा ढांचा चाहता है चीन

बीजिंग:चीन ने भारत, म्यांमार और दूसरे देशों के साथ एशिया प्रशांत सुरक्षा सहयोग के नये ढांचे की जोरदार पैरवी की है. इराक की मौजूदा स्थिति को लेकर अमेरिका पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि किसी देश में वैधानिक व्यवस्था को अवैध तरीके से भंग करने के किसी भी प्रयास का विरोध होना […]

बीजिंग:चीन ने भारत, म्यांमार और दूसरे देशों के साथ एशिया प्रशांत सुरक्षा सहयोग के नये ढांचे की जोरदार पैरवी की है. इराक की मौजूदा स्थिति को लेकर अमेरिका पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि किसी देश में वैधानिक व्यवस्था को अवैध तरीके से भंग करने के किसी भी प्रयास का विरोध होना चाहिए. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पंचशील की 60वीं वर्षगांठ पर रवींद्रनाथ टैगोर को उद्धृत करते हुए कहा, ‘यह अस्वीकार्य है कि सिर्फ एक देश या कुछ देशों के लिए सुरक्षा हो और शेष को असुरक्षित छोड़ दिया जाए.’

उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब चीन के नेता इराक की स्थिति का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि यह इस बात का उदाहरण है कि आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर पश्चिम की ओर से चलायी जा रही दखल की नीतियों से कैसे अराजकता पैदा होती है. चीन के राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें एशिया प्रशांत सुरक्षा सहयोग के नये ढांचे के लिए काम करना चाहिए, जो खुला, पारदर्शी और समता पर आधारित हो तथा हमारे क्षेत्र एवं विश्व में शांति और सुरक्षा कायम करने के साझा प्रयास में सभी देशों को साथ लाये. इस मौके पर भारत के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मौजूद थे.

उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए हमें एकजुटता के बुनियाद पर रिश्तों का निर्माण और मतभेदों को दूर करना होगा. पंचशील सहयोग तथा लोगों के जीवन को सुधार के लिए नवोन्मेशी कदम उठाने के लिए इस क्षमता का दोहन करने में मदद कर सकता है.

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