थिम्पू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहले विदेशी दौरे के लिए भूटान को चुनने के फैसले को यहां ऐतिहासिक बताकर उसकी प्रशंसा की जा रही है तथा अधिकारी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके स्वागत में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं. पन्द्रह और सोलह जून को प्रस्तावित दौरा द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा तथा भारत-भूटान रिश्तों को और मजबूत करने का अवसर मुहैया कराएगा.
भूटान के प्रधानमंत्री तशेरिंग तोब्गे ने कहा, पद संभालने के बाद पहले दौरे के देश के रुप में भूटान को चुनने पर हम उनकी उपस्थिति से सम्मानित महसूस करेंगे. यह ऐतिहासिक यात्रा है, केवल दक्षेस क्षेत्र नहीं बल्कि पूरा विश्व देख रहा है, और हम बहुत खुश हैं, हमें गर्व है.
तोब्गे के हवाले से स्थानीय अखबार कुइनसेल ने कहा कि यह इस बात के महत्व को दर्शाता है कि वह इस क्षेत्र से जुडे हुए हैं लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण यह बात है कि वह हमारे दोनों महान देशों के बीच मित्रता को लेकर सजग हैं. इस बैठक में 11वीं पंचवर्षीय योजना, वर्तमान पनबिजली परियोजना तथा आर्थिक प्रोत्साहन योजना पर भी चर्चा होगी.