इस्लामाबाद: पाकिस्तान में एक धार्मिक संस्था ने 9 साल की लडकियों को शादी योग्य घोषित किया है बशर्ते कि उनमें यौवन शुरु होने के संकेत दिखने लगे.मीडिया में आई एक खबर में यह दावा किया गया है.इस्लामी विचारधारा परिषद (सीआईआई) के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद खान शीरानी ने कल एक बैठक के बाद कहा कि मीडिया और समाज के कुछ अन्य धडे परिषद के फैसले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक जमीयत उलेमा ए इस्लाम फज्ल से जुडे शीरानी ने कहा कि शादी के न्यूनतम उम्र को परिभाषित करने वाले कानून इस्लामी नहीं है और इन्हें फिर से निर्धारित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि परिषद संसद से इन कानूनों में संशोधन कर इन्हें इस्लामी सिद्धांतों के अनुकूल बनाने की सिफारिश करेगी.उन्होंने सिंध विधानसभा की भी आलोचना की जिसने पिछले महीने सिंध बाल विवाह रोक अधिनियम पारित कर कम उम्र में विवाहों को प्रतिबंधित कर दिया था. खबर के मुताबिक फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए शीरानी ने कहा है कि ‘निकाह’ किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन यौवनारंभ होने पर ही दुल्हन दूल्हे के साथ रहना शुरु कर सकती है. हालांकि, कई संगठनों ने इस बयान पर सख्त ऐतराज जताया है.पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष जोहरा यूसुफ ने कहा कि इस तरह की चीजों से महिलाओं और बच्चों का शोषण बढेगा.