लंदन : महात्मा गांधी के तीन सनसनीखेज पत्रों की अगले सप्ताह ब्रिटेन में नीलामी होगी जिसमें उन्होंने अपने ज्येष्ठ पुत्र हरिलाल के व्यवहार को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं. श्रोपशायर काउंटी स्थित मुलोक्स आक्शीनियर्स को भारत के राष्ट्रपिता द्वारा जून 1935 में लिखे इन तीन पत्रों के सेट के लिए 50 से 60 हजार पाउंड मिलने की उम्मीद है.
हरिलाल द्वारा अनुचित व्यवहार करने के आरोपों के संबंध में एक पत्र में महात्मा गांधी लिखते हैं, तुमको पता होना चाहिए कि तुम्हारी समस्या मेरे लिए हमारे देश की स्वतंत्रता से भी अधिक मुश्किल हो गई है. पत्र में गांधीजी ने कहा, मनु तुम्हारे बारे में कई खतरनाक चीजें कह रही है. वह कहती है कि तुमने आठ वर्ष पहले उससे बलात्कार किया था तथा उससे वह इस कदर आहत हुई थी कि उसे चिकित्सा उपचार कराना पडा था. मनु साबरमती आश्रम में अपने दादा के साथ रहने आयी थी.
मुलोक्स ने एक बयान में कहा, ये पत्र गुजराती में लिखे गए हैं और वे अच्छी स्थिति में हैं. ये पत्र गांधी परिवार के एक सदस्य के वंशजों से आये हैं. जहां तक हमें जानकारी है इन्हें इससे पहले सार्वजनिक तौर पर देखा नहीं गया है. ये पत्र गांधीजी और उनके अपने बेटे के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बारे में नई असाधारण सूचना उपलबध कराते हैं.
हरिलाल गांधी पढाई के लिए इंग्लैंड जाना चाहते थे ताकि वह उनकी तरह बैरिस्टर बन सके लेकिन महात्मा गांधी ने इसका विरोध किया था और कहा था कि पश्चिमी शिक्षा ब्रिटिश राज के खिलाफ संघर्ष में मददगार नहीं हो सकती. इसके चलते हरिलाल ने 1911 में अपने परिवार से अपने सभी संबंध तोड लिये थे. हरिलाल के अपने पिता के साथ संबंधों में समस्या उनके पूरे जीवनभर जारी रही.
महात्मा गांधी ने एक अन्य पत्र में लिखा है, कृपया मुझे पूरी सच्चाई बताओ कि क्या तुम्हारी अभी भी शराब और व्यसन में रुचि है. मेरी कामना है कि किसी भी तरह से शराब का सहारा लेने की बजाय अच्छा है तुम मर जाओ. ये पत्र 22 मई को लुडलो रेसकोर्स पर होने वाली मुलोक्स ऐतिहासिक दस्तावेज विक्रय का हिस्सा हैं. इस नीलामी में जवाहर लाल नेहरु की बहन विजय लक्ष्मी पंडित को लिखे 27 पत्र भी हैं जिसमें से कुछ गांधी ने जेल में रहते हुए लिखे थे.
11 नवम्बर 1930 की तिथि वाले पत्र में लिखा गया है, महिलाओं ने हमसे कहीं अधिक काम किया है. अभी भी काफी कुछ करना बाकी है. आधुनिक विश्व ने अभी तक भारत की महिला शक्ति को देखा है. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि वे अभी और आगे जाएंगी और मैं तब बहुत आश्चर्यचकित होउंगा यदि तुम इसमें बड़ी भूमिका नहीं निभाओ.
पहले के पत्रों की तिथि 1920 से पहले की है लेकिन अन्य 1930 के हैं और अधिकतर पत्र 1938…1944 की अवधि के हैं जो कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण अवधि थी. इन पत्रों में अधिकतर गुजराती में हैं लेकिन इनमें से कुछ अंग्रेजी में भी हैं.
इन पत्रों के 60 हजार से 80 हजार पाउंड में नीलाम होने की उम्मीद है तथा नीलामी घर ने इन पत्रों के बारे में कहा, ये पत्र इसके तथ्य के बावजूद अभी अच्छी स्थिति में हैं कि गांधी अपने पत्रों के लिए सबसे सस्ती सामग्री का इस्तेमाल करते थे. हमारा मानना है कि ये पत्र इससे पहले सार्वजनिक रुप से नहीं देखे गए थे और इसलिए ये गांधी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बारे में महत्वपूर्ण सूचना मुहैया कराते हैं.
गांधी संबंधित अन्य सामग्री जिनकी नीलामी होगी उनमें चित्र, हस्ताक्षर किये गए पोस्टकार्ड्स, लकड़ी का एक चरखा शामिल है जिससे करीब 80 हजार पाउंड मिलने की उम्मीद है.