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थाई पीएम यिंगलक शिनावात्रा को कोर्ट ने किया बर्खास्‍त

बैंकाक : थाईलैंड की एक अदालत ने प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा और उनकी कैबिनेट के नौ मंत्रियों को आज उनके पद से बर्खास्त कर दिया, जिससे इस देश में फिर से राजनीतिक संकट छा गया है. उन्हें अपने परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने में दोषी पाया गया है. इस घटनाक्रम के […]

बैंकाक : थाईलैंड की एक अदालत ने प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा और उनकी कैबिनेट के नौ मंत्रियों को आज उनके पद से बर्खास्त कर दिया, जिससे इस देश में फिर से राजनीतिक संकट छा गया है. उन्हें अपने परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने में दोषी पाया गया है.

इस घटनाक्रम के बाद कैबिनेट ने फौरन एन. बूनसंगपैसान को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. इससे कुछ घंटे पहले संवैधानिक अदालत ने सर्वसम्मति से यह निष्कर्ष सुनाया कि थाविल प्लेंश्री को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद महासचिव के पद से स्थानांतरित करने में यिंगलक की भूमिका थी.

अदालत ने कहा कि यह स्थानांतरण असामान्य तरीके से आनन फानन में सिर्फ चार दिनों में किया गया और स्थानांतरण संबंधी दस्तावेजों की तिथियों में विसंगति थी इसलिए यह प्रक्रिया अनियमित थी. पीठासीन न्यायाधीश चारुन इंताचान ने अपने आदेश में कहा, इसलिए उनका प्रधानमंत्री का दर्जा समाप्त हो गया है… यिंगलक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रुप में अपने पद पर अब बनी नहीं रह सकती हैं.

यिंगलक पर अपने भगोडे भाई थाकसिन के हाथों की कठपुतली के तौर पर शासन चलाने का आरोप लगाने वाले प्रदर्शनकारियों ने अदालत के बाहर खुशी जाहिर की. वे पिछले कई महीनों से यिंगलक को हटाए जाने की मांग कर रहे थे. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यिंगलक ने स्थानांतरण को मंजूरी देने में हिस्सा लिया था. 46 वर्षीय यिंगलक ने दलील दी थी कि उन्होंने यह मामला अपने उप मंत्री को सौंपा था इसलिए उन्‍होंने इसमें भूमिका नहीं निभाई है.

अदालत ने यिंगलक की कैबिनेट के नौ मंत्रियों को भी यह निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल पाया और उन्हें उनके पद से हटाए जाने का आदेश दिया. अदालत ने अपने फैसले में कहा, एक छिपे हुए मकसद के साथ तबादला करना स्वीकार्य नहीं है. संवैधानिक अदालत सर्वसम्मति से आदेश जारी करती है कि (यिंगलक) ने अपने और अन्य लोगों के फायदे के लिए एक सरकारी अधिकारी के तबादले में हस्तक्षेप करने को लेकर अपने प्रधानमंत्री पद के ओहदे का इस्तेमाल किया.

अदालत ने कहा कि उसके पास नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति सात दिन में करने का आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है. सीनेटर पैबुल नितितावान ने कल मामले की सुनवाई के दौरान अनुरोध किया था कि सात दिन में नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति का आदेश दिया जाए. पैबुल ने यिंगलक के खिलाफ सत्ता के दुरपयोग का मामला दर्ज कराया था.

अदालत ने कहा कि थाविल के तबादले में भूमिका निभाने वाली सिर्फ यिंगलक और नौ अन्य को कैबिनेट से हटाया जाए और शेष मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे. गौरतलब है कि बौद्ध धर्म बहुसंख्यक थाईलैंड महीनों से राजनीतिक हिंसा से जूझ रहा है जिसमें कई लोग मारे गए हैं और सैकडों घायल हुए हैं जिनमें सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं. देश में शिनवात्रा परिवार सबसे धनी और प्रभावशाली परिवारों में शामिल है.

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