सुवा : फिजी की एक अदालत ने कर आरोपों में दोषसिद्धी के खिलाफ देश के पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी की अपील आज खारिज कर उनपर जुर्माना लगा दिया जिससे निरंतर तख्तापलट से गुजरने वाले इस देश में इस साल के चुनाव में उनकी भागीदारी पर रोक लग गयी.
चौधरी 1999 में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन एक साल बाद ही उन्हें तख्तापलट में अपदस्थ कर दिया गया. पिछले महीने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में बैंक खातों के बारे में कर अधिकारियों को गलत सूचना देने के तीन मामलों में दोषी पाया गया था. सुवा हाई कोर्ट ने आरोपों को खारिज करने के चौधरी के वकीलों के आग्रह को ठुकरा दिया और उनपर 10 लाख अमेरिकी डालर का जुर्माना लगाया.
दोषी ठहराने का मतलब है कि फिजी लेबर पार्टी नेता सितंबर में देश के आम चुनाव में खडा नहीं हो सकेंगे. 2006 में रक्तहीन तख्तापलट में मौजूदा कार्यवाहक प्रधानमंत्री फ्रैंक बैनिमरामा के सत्ता हथियाने के बाद यह पहला आम चुनाव होगा.फिजी के संविधान के अनुसार, पिछले 8 साल में किसी आपराधिक कृत्य में दोषी ठहराए जाने पर कोई शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता.