वाशिंगटन:मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की ब्लैक होल थ्योरी को सुलझा लिया है. यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रि स एडमी ने बताया कि 1975 में हॉकिंग ने अपने रिसर्च में बताया था कि ब्लैक होल्स के सभी होल ब्लैक नहीं हैं. वास्तव में यह बिना किसी चमक के रेडिएशन फैलाते हैं. इसे हॉकिंग रेडिएशन कहा जाता है.
इस वास्तविक थ्योरी में हॉकिंग ने कहा था कि रेडिएशन धीरे-धीरे ब्लैक होल को खा जाते हैं या संभवत: लुप्त हो जाते हैं. यानी जो भी ब्लैक होल्स में जाता है वह खो जाता है. हालांकि इस थ्योरी में एक मूलभूत समस्या है, जो हॉकिंग की बातों से विरोधाभासों को जन्म देती है. प्रो एडमी बताते हैं कि क्वांटम फिजिक्स की मानें तो जानकारी कभी गायब नहीं होती है. वह इसे समझाते हैं कि जानकारी के खो जाने का मतलब है कि ब्लैक होल के किसी भी कण को निगलने के बाद हमारा ब्रह्मांड हर समय अप्रत्याशित तरीके से बदलाव महसूस करेगा.
यह बात समझ के परे है कि भौतिक का कोई भी नियम इसकी इजाजत नहीं देता. अगर ब्लैक होल अपने तीव्र गुरु त्वाकर्षण खिंचाव के कारण किसी भी जानकारी को सोख लेता है और सारी जानकारियां गायब हो जाती हैं तो यह क्वांटम फिजिक्स के नियम का पालन नहीं करता है.