नेशनल कंटेंट सेल
दिल्ली में अगले के शुरू में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इस लिहाज से लोकसभा चुनाव, 2019 में विधानसभावार दालों के प्रदर्शन बेहद अहम माने जा रहे हैं. दिल्ली सभी सात लोकसभा सीटों पर एक बार फिर भाजपा ने जीत दर्ज की है, मगर इस बार की उसकी प्रचंड जीत ने आम आदमी पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. दिल्ली की 70 में से 65 विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा का जबर्दस्त दबदबा रहा. मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी की जगह पर कांग्रेस उम्मीदवारों पर अल्पसंख्यक समुदाय ने भरोसा जताया.
दिल्ली की 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 में विधानसभा ऐसे रहे, जहां से सबसे अधिक वोट कांग्रेस को मिले. आम आदमी पार्टी के लिए यह इसलिए भी निराशाजनक है, क्योंकि किसी विधानसभा सीट पर पार्टी के किसी उम्मीदवार को सबसे अधिक वोट नहीं मिले. गौरतलब है कि अगले साल के शुरुआत में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
मुस्लिम समुदाय ने कांग्रेस पर जताया भरोसा : दिल्ली में तीन लोकसभा क्षेत्रों के अल्पसंख्यक बहुल विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में ज्यादा वोट मिले हैं. आम चुनावों में डाले गए कुल वोटों को लेकर चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत आने वाले ओखला विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 60,000 से ज्यादा वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) की उम्मीदवार आतिशी को 43,000 से अधिक वोट मिले. ओखला में बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर को 35,000 से अधिक वोट मिले. हालांकि, गंभीर ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर लवली को 3.91 लाख से अधिक वोटों से हराया. आतिशी तीसरे स्थान पर रहीं.
सीलमपुर से शीला को मिले बंपर वोट : उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित को सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 64,382 वोट मिले. इस क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार मनोज तिवारी को 36,773 वोट मिले. हालांकि, बाबरपुर और मुस्तफाबाद क्षेत्र में तिवारी ने शीला को कड़ी टक्कर दी. बाबरपुर में उन्हें 57,827 और मुस्तफाबाद में 73,501 वोट मिले. शीला को बाबरपुर में 57,227 जबकि मुस्तफाबाद में 69,803 वोट मिले. आप के उम्मीदवार दिलीप पांडेय को मुस्तफाबाद में 17,803, बाबरपुर में 12,564 और सीलमपुर में 10,091 वोट मिले. इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है. तिवारी ने शीला को करीब 3.66 लाख वोटों से हराया.
मुस्लिम बहुल दो इलाकों में मनोज तिवारी ने मारी बाजी : 7 में से 5 मुस्लिम बहुल विधानसभाओं में कांग्रेस ने बाजी मारी. हालांकि, उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के उम्मीदवार मनोज तिवारी को बाबरपुर और मुस्तफाबाद इलाके से प्रतिद्वंद्वी शीला दीक्षित से अधिक वोट मिले. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, स्पष्ट संकेत हैं कि मुस्लिम वोटरों को कांग्रेस पर आम आदमी पार्टी से अधिक भरोसा है. सिर्फ ओखला विधानसभा क्षेत्र ही ऐसा रहा जहां आप को 27% वोट मिले.