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नयी दिल्लीः इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस (आइसीजे) के फैसले से पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है. अब वह भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की हत्या करने पर उतारू हो गया है. हालांकि, भारत के बढ़ते कूटनीतिक दबदबे के कारण वह जल्दबाजी में ऐसा कोई कदम उठा नहीं पा रहा है.
पाकिस्तान को इस बात का डर भी सता रहा है कि यदि उसने जल्दबाजी में कोई कदम उठाया, तो अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में उसकी थू-थू तो होगी ही, कई देशों से उसके व्यापारिक संबंध भी खराब हो जायेंगे, क्योंकि इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस ने जाधव मामले में खुली सुनवाई की तारीख की घोषणा कर दी है.
कुलभूषण जाधव को फांसी दी, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ जायेगा पाकिस्तान
इसलिए पाकिस्तान की मजबूरी है कि वह इस बीच में जाधव पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है. हालांकि, कई सुरक्षा विशेषज्ञ यह भी आशंका जता चुके हैं कि पाकिस्तान ने पहले ही जाधव की हत्या कर दी है.
बहरहाल, भारत की कूटनीतिक जीत से हैरान, परेशान और बौखलाये पाकिस्तान ने मीडिया को सख्त निर्देश दिये हैं कि वह इससे संबंधित खबरों को इस तरह पेश करे, मानो पाकिस्तान कहीं फंस नहीं रहा है.
जाधव के मामले में 15 मई को होगी सार्वजनिक सुनवायी : आईसीजे
यही वजह है कि पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है. वहीं, पाकिस्तानी सेना का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण की फांसी पर रोक नहीं लगायी है. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान सरकार का बयान इन दोनों से भी इतर है. सरताज अजीज ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार जाधव मसले पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश की समीक्षा करेगा.
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनायी है. भारत ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत के इस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में आठ मई को अपील की थी, जिस पर अब 15 मई को खुली सुनवाई होगी.
कुलभूषण जाधव का पाकिस्तान ने ईरान से किया है अपहरण : पर्रिकर
भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है. भारत ने जो अपील की थी, उसमें कहा था कि कुलभूषण जाधव को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया. न ही उन्हें भारत के उच्चायोग के अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी गयी.
इतना ही नहीं, कुलभूषण जाधव के परिवार को पाकिस्तान जाकर उनसे मिलने के लिए खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरताज अजीज को 27 अप्रैल, 2017 को चिट्ठी लिखी. चिट्ठी में अजीज से अपील की गयी थी कि परिवार को वीजा दिया जाये, ताकि वे जाधव से मिल सकें. लेकिन, पाकिस्तान ने वीजा नहीं दिया.
भारत सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान से कई स्तर पर 16 बार जाधव से मिलने की अनुमति मांगी गयी, लेकिन पाकिस्तान ने इससे साफ इनकार कर दिया. इसलिए इस बात की आशंका बढ़ गयी है कि पाकिस्तान ने जाधव को मार डाला है.