नयी दिल्ली : सेना के शहीद की बेटी को कथित तौर पर मिली ‘‘दुष्कर्म की धमकी” के संबंध में पुलिस ने आज यहां अज्ञात लोगों के खिलाफ यौन शोषण और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया. दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर (20) की तरफ से दिल्ली महिला आयोग की शिकायत पर ये प्राथमिकी दर्ज की गई.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता और विशेष पुलिस आयुक्त (दक्षिण-पश्चिम) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (यौन शोषण और यौन शोषण के लिए दंड), 506 (आपराधिक धमकी के लिए दंड) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस ने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा से ऑनलाइन बदसलूकी के संबंध में कल दिल्ली महिला आयोग की तरफ से शिकायत मिली. इसके बाद इलाके के पुलिस उपायुक्त ने उससे बात की और आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराई. उसकी शिकायत की साइबर सेल ने जांच की और प्राथमिकी दर्ज की गई. मामले की जांच जारी है.”
सूत्रों ने कहा कि गुरमेहर को दिल्ली पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई गई है और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी उस इलाके में गश्त कर रहे हैं जहां वो रहती हैं. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उसने फेसबुक पर आए एक संदेश का स्क्रीनशॉट उपलब्ध कराया है जिसमें एक शख्स ने उसके साथ ‘‘सामुहिक दुष्कर्म” और ‘‘उसका अश्लील वीडियो बनाने” की धमकी दी थी.
पुलिस उस अकाउंट की भी जांच करेगी जिससे धमकी भरा संदेश गुरमेहर को भेजा गया है. शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर ने रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के बाद ‘‘मैं एबीवीपी से नहीं डरती” अभियान शुरू किया था. ये अभियान वायरल हो गया और इसे देश भर के विश्वविद्यालयों के छात्रों से समर्थन मिला. पिछले हफ्ते उसने अपनी फेसबुक प्रोफाइल तस्वीर बदलकर एक दूसरी तस्वीर लगाई थी. इस तस्वीर में गुरमेहर एक तख्ती लिये हैं जिस पर लिखा है, ‘‘मैं दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा हूं. मैं एबीवीपी से नहीं डरती. मैं अकेली नहीं हूं.
भारत का हर छात्र मेरे साथ है. हैशटैग एबीवीपी के खिलाफ छात्र.” रामजस कॉलेज में पिछले हफ्ते बडे पैमाने पर हिंसा हुई थी जब एआईएसए और एबीवीपी के सदस्य आपस में भिड़ गए थे. इस विवाद की जड़ ‘‘विरोध की संस्कृति” शीर्षक वाले एक सेमिनार को संबोधित करने के लिए जेएनयू के छात्रों उमर खालिद और शहला राशिद को आमंत्रित किया जाना था. एबीवीपी उन्हें बुलाए जाने का विरोध कर रहा था जिसकी वजह से कॉलेज प्रशासन ने इसे वापस ले लिया था.