वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति के रुप में डोनाल्ड ट्रंप का चुनाव और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के साथ साथ परमाणु हथियारों से लैस भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तथा उत्तर कोरिया के परमाणु जुमलेबाजी ने दुनिया को इतना खतरनाक बना दिया है कि वैज्ञानिकों ने कयामत की अपनी सांकेतिक घडी (डूम्सडे क्लॉक) को 30 सेकेंड आगे खिसका कर ‘मध्यरात्रि’ या महाप्रलय के करीब ला दिया है.
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ट्रंप के कारण ”प्रलय की घड़ी”, 30 सेकेंड पहले
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति के रुप में डोनाल्ड ट्रंप का चुनाव और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के साथ साथ परमाणु हथियारों से लैस भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तथा उत्तर कोरिया के परमाणु जुमलेबाजी ने दुनिया को इतना खतरनाक बना दिया है कि वैज्ञानिकों ने कयामत की अपनी सांकेतिक घडी (डूम्सडे क्लॉक) को […]
‘डूम्सडे क्लॉक’ एक सांकेतिक घडी है जो हमें आगाह करती है कि मानव सभ्यता धरती को तबाह करने के कितने करीब पहुंच चुकी है. इस घडी में अंतिम बार 2015 में बदलाव कर इसे मध्यरात्रि से पांच से तीन मिनट करीब पहुंचा दिया गया था.
वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों का समूह ‘बुलेटिन ऑफ ऐटामिक साइंटिस्ट्स’ ने आगाह किया है कि 2016 में वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य बिगडा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय परमाणु हथियारों और जलवायु परिवर्तन के सबसे बडे अस्तित्ववादी खतरों से प्रभावी रुप से निबटने में नाकाम रहा है. ‘बुलेटिन ऑफ ऐटामिक साइंटिस्ट्स’ ने विश्वयुद्ध के विनाशकारी परमाणु हमले के दो साल बाद 1947 में ‘डूम्सडे क्लॉक’ का निर्माण किया था. वह मध्यरात्रि को ‘कयामत’ और परमाणु विस्फोट के समकालीन मुहावरे :शून्य की उलटी गिनती: के प्रतीकों का इस्तेमाल कर मानवता और ग्रह को पेश खतरों के प्रति चेताना चाहते हैं.
समाचार एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार ‘बुलेटिन ऑफ ऐटामिक साइंटिस्ट्स’ की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया, ‘दुनियाभर में बढ़ता कट्टर राष्ट्रवाद, परमाणु हथियारों और जलवायु के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी, वैश्विक सुरक्षा का अंधकारमय परिदृश्य जिसमें लगातार आधुनिक होती तकनीक रंग भर रही है और वैज्ञानिक विशेषज्ञता के प्रति बढते अनादर के बीच इस घडी में परिवर्तन कर इसे मध्यरात्रि से ढाई मिनट पहले सेट किया गया.’ ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन के बारे में विवादास्पद टिप्पणियां की थी. किसी समय इसे फर्जी बताया था और कभी कहा था कि इसके बारे में वह विचार करेंगे.
बुलेटिन बोर्ड ऑफ स्पांसर्स के अध्यक्ष लॉरेंस क्रॉस ने वॉशिंगटन स्थित नेशनल प्रेस क्लब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यहां मौजूद किसी भी व्यक्ति के जीवनकाल में डूम्सडे क्लॉक को मध्यरात्रि के इतने करीब नहीं किया गया. पिछली बार इसे 63 वर्ष पहले वर्ष 1953 में करीब लाया गया था जब सोवियत संघ ने पहले हाइड्रोजन बम में विस्फोट किया था.’ डूम्सडे क्लॉक की स्थापना वर्ष 1947 में हुई थी. तब से इसमें 19 बार परिवर्तन किया जा चुका है, वर्ष 1952 में इसे मध्यरात्रि से दो मिनट पहले किया गया था और वर्ष 1991 में मध्यरात्रि से 17 मिनट पहले कर दिया गया.
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