मेडिकल साइंस की एडवान्समेंट के चलते अब मानव सुपरमानव में बदलने के सपने देखने लगा है. कुछ वर्षो पहले वैज्ञानिकों का देखा हुआ सपना माइक्रोचिप इम्प्लांट अब साकार रूप लेने लगा है.
अमेरिका की एक बायोहैकिंग कंपनी डेंजरस थिंग्स इन सिएटल के फाउंडर अमल ग्राफ्सट्रा विश्व के पहले डबल इम्प्लांटी माने जाते हैं. उन्होंने अपने दोनों हाथों में एक–एक माइक्रोचिप इम्प्लांट करायी है. उनके दाहिने हाथ में एक रि–राइटेबल चिप लगी हुई है इस चिप का उपयोग वह डेटा स्टोर करने में करते हैं. अमल अपने इस हाथ को काम में लेकर फोन से डेटा का आदान–प्रदान कर सकते हैं. जबकि बायें हाथ में उन्होंने एक साधारण आइडेंडिटी नंबर चिप प्लांट करायी है.
डेटा का लेन-देन भी संभव
अमल ग्राफस्ट्रा की कंपनी एक यूनिवर्सल सिस्टम तैयार करने का सपना भी देख रही है, जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति में इंप्लांट माइक्रोचिप्स को आसानी से पहचान कर उसके डेटा का आदान-प्रदान किया जा सकेगा. साथ ही व्यक्ति अपने इस डिवाइस से अपने शरीर को कष्ट दिये बिना मनचाहे काम भी कर सकेगा.
क्या-क्या करेगी चिप
इन चिप की सहायता से आप घर के दरवाजे खोल सकते हैं, कंप्यूटर चला सकते हैं यहां तक कि मोटर बाइक भी स्टार्ट कर सकते हैं. अमल की कंपनी ने हाल ही में 15 स्वयंसेवक तैयार किये हैं जिनके शरीर में माइक्रोचिप इम्प्लांट की गयी है.उनकी कंपनी अब इन माइक्रोचिप के उपयोग तथा सामने आने वाली कठिनाइयों के निराकरण का अध्ययन करेगी.