बोकारो: ग्रामीण विकास मंत्री चंद्रशेखर दुबे ने कहा : मुख्यमंत्री की हरकतों से ऊब कर मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं. आज तक मैंने ऐसा भ्रष्ट व निकम्मा सीएम नहीं देखा. चंद्रशेखर दुबे (ददई दुबे) बोकारो दौरे के दौरान प्रभात खबर से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा : मैं कल दिल्ली जा रहा हूं. आलाकमान के सामने राज्य की पूरी तसवीर रखूंगा. आलाकमान की हामी मिली, तो दिल्ली से ही इस्तीफा भेज दूंगा.
सीएम ब्राह्नाणों के पीछे सतुआ लेकर पड़ गये हैं. ब्राह्नाण आइएसएस, आइपीएस, एसडीओ व दूसरे अधिकारियों को डंप किया जा रहा है. खास कर बोकारो व धनबाद में इस रणनीति पर काम हो रहा है. बोकारो डीडीसी, धनबाद डीडीसी, बोकारो एसपी, धनबाद एसपी, माडा एमडी को जानबूझ कर डंप किया गया.
उन्होंने कहा : मुख्यमंत्री कहते हैं कि झारखंड में अवैध माइनिंग जोरों पर है, तो कोई बताये कि क्या इसमें मुख्यमंत्री का हाथ नहीं है. अगर ऐसा नहीं है, तो इसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. अब मैं मंत्रिमंडल में घुटन महसूस कर रहा हूं. ऐसी मंत्रिमंडल में रह कर काम करना मेरे लिए संभव नहीं है. जब मैं सरकार में नहीं रहूंगा, तो यह भी देख लूंगा कि यह सरकार कैसे चलती है. इससे पहले उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद के लायक नहीं हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
राज्य में सरकार नाम की चीज नहीं : जनार्दन पासवान
राजद विधायक जनार्दन पासवान सरकार के कामकाज से नाराज हैं. उन्होंने कहा : राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. यही परिस्थिति रही, तो हम विधानसभा सत्र में भाग नहीं लेंगे. उन्होंने कहा : राज्य में अधिकारियों को नचाया जा रहा है. चतरा को आइएएस का ट्रेनिंग सेंटर समझ लिया गया है. वहां नये आइएएस अफसर को सीखने के लिए भेजा जाता है.
एसडीओ को चतरा का उपायुक्त बना कर भेज दिया गया है. इससे पहले भी उपायुक्त नये थे. उन्हें समझने में छह माह लग जाते हैं. जनता का काम नहीं हो रहा है. विधायक ने कहा : राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग की नीति बननी चाहिए. जमाताड़ा के तत्कालीन उपायुक्त चंद्रशेखर को चतरा का उपायुक्त बनाया गया था. पर एक दिन के अधिसूचना बदल दी गयी. ऐसे लोगों को डीडीसी बनाया जाता है, जिन्हें काम का अनुभव नहीं है.