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हुरलुंग की महिलाएं लाभान्वित

सशक्तीकरण की पहल हर्बल साबुन–शैंपू के कारोबार से मीनू ने बनायी अलग पहचान हुरलुंग की महिलाएं साबुन बनाने व पैकेजिंग का काम करके उपाजर्न कर रहीं उत्पादों की खपत आसपास के गांव से शहर तक जमशेदपुर : शहर से सटे हुरलुंग गांव की मीनू रक्षित महिला सशक्तीकरण की एक मिसाल हैं. अपनी मेहनत और लगन […]

सशक्तीकरण की पहल

हर्बल साबुनशैंपू के कारोबार से मीनू ने बनायी अलग पहचान

हुरलुंग की महिलाएं साबुन बनाने व पैकेजिंग का काम करके उपाजर्न कर रहीं

उत्पादों की खपत आसपास के गांव से शहर तक

जमशेदपुर : शहर से सटे हुरलुंग गांव की मीनू रक्षित महिला सशक्तीकरण की एक मिसाल हैं. अपनी मेहनत और लगन से इन्होंने न सिर्फ खुद का कोरोबार खड़ा किया है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ रही हैं. मीनू अपने घर पर ही हर्बल साबुन व शैंपू आदि बनाती हैं तथा खुद इसकी मार्केटिंग भी करती हैं. इस कार्य ने उन्हें अलग पहचान दी है. मीनू को सरकार की ओर से कई अवार्ड भी मिले हैं. गत वर्ष अक्तूबर, 2013 में दिल्ली इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में उसे सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमी खिताब, वहीं खादी उद्योग द्वारा प्रथम पुरस्कार एवं 26 जनवरी, 2014 को पीएमपीजीपी के तहत उद्योग विभाग से प्रथम पुरस्कार के रूप में प्रमाण पत्र एवं 25 हजार रुपये नकद प्रदान किये गये.

बनाती हैं इको फ्रेंडली हर्बल साबुन : वर्ष 2006 में मीनू के पति प्राइवेट नौकरी करते थे. उस समय घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. घर की आमदनी बढ़ाने और बेटे को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए मीनू ने कुछ करने का निर्णय लिया. स्वयंसेवी संस्था से जुड़ीं. वर्ष 2007 छह महीने तक साबुन बनाने का काम सीखा. एक साल तक संस्था के लिए साबुन बनाने का काम करती रही. बाद में बैंक से लोन लिया और घर पर ही साबुन बनना प्रारंभ किया. इस कार्य में पति का भी सहयोग मिला. ऑर्डर मिलने लगे. काम बढ़ा तो मीनू ने गांव की कुछ महिलाओं को साबुन बनाने का प्रशिक्षण देने शुरू किया. प्रशिक्षण प्राप्त करने का बाद महिलाएं साबुन बनाने व पैकेजिंग का काम करके उपाजर्न कर रही हैं. वर्तमान में मीनू के नेतृत्व में गांव की पांच महिलाएं मिल कर साबुन, शैम्पू व अन्य चीजें तैयार करती हैं. उनके उत्पादों की खपत आसपास के गांव व शहर तक हो जाती है.

प्राकृतिक तरीके से तैयार करती हैं साबुन : मीनू ने बताया कि वह प्राकृतिक तरीके से साबुन, शैम्पू, तेल,रोज वाटर जैसे प्रोडक्ट तैयार करती हैं. इसलिए प्रोडक्ट नाम इको फ्रेंडली रखा है. उनके द्वारा तैयार चीजों में केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता. मसलन नीम साबुन में नीम ऑयल का प्रयोग करती हैं.

गांव की और महिलाओं को जोड़ना है : मीनू ने बताया कि गांव की महिलाओं को सशक्त बनाना है. इसके लिए वह प्रयासरत हैं. फिलहाल उन्होंने बैंक का ऋण लिया है जिसे चुकाने के बाद इस ओर ध्यान देंगीं.

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