अगर हम दांत ठीक से साफ न करें और ज्यादा समय तक दांत में खाना फंसा रहे तो वहां सड़न शुरू हो जाती है. बैक्टीरिया हो जाते हैं जिससे दांत खराब होते हैं. जब दांत खराब हो जाते हैं तो उन्हें निकलवाना पड़ता है. तुम्हें पता है न दूध के दांत टूटने के बाद जो दांत आते हैं, अगर वो टूट जायें, तो दांत दोबारा नहीं निकलते.
पायल ने डॉक्टर माथुर से कहा कि हम बच्चों को इतना समझाते हैं कि चॉकलेट मत खाओ, ठीक से ब्रश करो, लेकिन ये मानते ही नहीं. ऐसा करिए एक बार आप घर आ जाइए, हो सके तो कल शाम को ही, तो बच्चों को आप ही समझा दीजिए. हम आस-पास के बच्चों को भी बुला लेंगे. वैसे भी बच्चे घरवालों की बात कम सुनते हैं. ये समस्या सभी पेरेंट्स की है. जब डॉक्टर खुद बतायेंगे तो बच्चों को अच्छी तरह समझ आयेगा. डॉक्टर माथुर ने कहा कि इसीलिए हम कहते हैं कि बच्चों को हमारे पास केवल तब ही लेकर मत आइए जब उन्हें दांतों में कोई समस्या हो, बल्किअगर साल-छह महीने में डॉक्टर के पास जायेंगे तो यह निश्चित है कि आपके बच्चे के दांत में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी और अगर होगी, तो वह समय पर पता चल जायेगी. वैसे आपसे तो घरेलू संबंध हैं. मैं जरूर आऊंगा.
अगले दिन डॉक्टर माथुर शारदा देवी के यहां पहुंच गये. पायल ने भी आस-पास के सभी बच्चों और उनके पेरेंट्स को घर पर बुला लिया था. पायल ने बच्चों से कहा कि जब हम तुमको बताते हैं कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, दांतों को ब्रश कैसे करना चाहिए तो तुम नहीं मानते. आज डॉक्टर माथुर तुम्हें इस बारे में बतायेंगे. डॉक्टर माथुर ने कहा- बच्चो, आज मैं आपको बताऊंगा कि दांतों पर ब्रश कैसे करना चाहिए. सबसे पहली बात आपके टूथ ब्रश के ब्रिसल सॉफ्ट यानी मुलायम होने चाहिए और हर तीन महीने बाद ब्रश को बदल देना चाहिए, क्योंकि उसके ब्रिसल मुड़ जाते हैं जिससे वो दांतों के बीच फंसी गंदगी को नहीं निकाल पाते. जब तक वो सीधे रहते हैं तभी तक दांतों के बीच की गंदगी बेहतर तरीके से निकल पाती है.
दूसरी बात ब्रश को दायें से बायें और बायें से दायें की ओर ले जाकर दांत नहीं साफ करने चाहिए, बल्किब्रश को नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे लाते हुए दांत साफ करने चाहिए. इसी तरह से बाहर की तरफ से साफ करने के बाद दांतों को अंदर की तरफ से साफ करना चाहिए और सामने के दांतों से शुरू करके बायें तरफ के और फिर दायें तरफ के दांतों को यानी पीछे तक के सारे दांतों को साफ करना चाहिए.
अंदर-बाहर से साफ करने के बाद दांतों का वो हिस्सा साफ करना चाहिए जिससे हम भोजन चबाते हैं. वहां भी खाने के रेशे फंसे होते हैं. अगर हम दांत ठीक से साफ न करें और ज्यादा समय तक दांत में खाना फंसा रहे तो वहां सड़न शुरू हो जाती है.
बैक्टीरिया हो जाते हैं जिससे दांत खराब होते हैं. जब दांत खराब हो जाते हैं तो उन्हें निकलवाना पड़ता है. तुम्हें पता है न दूध के दांत टूटने के बाद जो दांत आते हैं अगर वो टूट जायें, तो दांत दोबारा नहीं निकलते. इसलिए तुम इनका विशेष ख्याल रखना. तीसरी बात दांत साफ करने के बाद अपनी जीभ को भी अच्छी तरह से साफ करना चाहिए, क्योंकि अगर जीभ पर गंदगी रहेगी तो वहां कीटाणु पनपेंगे जो दांतों के साथ पेट में जाकर इंफैक्शन पैदा करेंगे. इसके साथ ही दांतों की फ्लॉसिंग भी करते रहने चाहिए. फ्लॉसिंग शब्द सुनते ही एक बच्चे ने पूछा वो क्या होता है डॉक्टर अंकल? डॉ. माथुर ने कहा बेटा फ्लॉस से हम दो दांतों के बीच की जगह को साफ करते हैं.
यह एक तरह का पतला और फाइन टेप होता है जिसे दो उंगली में लपेटकर दो दांतों के बीच ले जाकर ऊपर-नीचे करते हुए बीच की जगह साफ करते हैं. इससे दांतों के बीच फंसी गंदगी निकल जाती है और दांत सड़ने से बच जाते हैं. इसे डॉक्टर से जरूर सीखें. चौथी बात सोने से पहले ब्रश करना चाहिए. सबसे बड़ी बात जब भी आप कुछ खाओ उसके बाद कुल्ला जरूर करो. यानी मुंह में पानी भरो और फिर मुंह बंद करके पानी मुंह में सब तरफ घुमाकर मुंह से निकाल दो. ऐसा तीन-चार बार करना चाहिए. इससे भी मुंह और दांत साफ हो जायेंगे. फिर उन्होंने बच्चों से पूछा- क्या आप सबको चॉकलेट खाना पसंद है? सबने कहा- हां, लेकिन मम्मा मना करती हैं. डॉ माथुर ने कहा- मम्मा इसलिए मना करती हैं, क्योंकि आप सब चॉकलेट खाने के बाद कुल्ला नहीं करते और वो दांतों में चिपकी रह जाती है. इससे दांत सड़ने का डर होता है. आप सब प्रॉमिस करो कि जब भी कुछ खाओगे तो कुल्ला जरूर करोगे. सोने से पहले ब्रश करोगे. अगर ये प्रॉमिस करोगे तो मम्मा चॉकलेट खाने से नहीं रोकेगी, ये मेरा प्रॉमिस है. बच्चों ने खुश होकर कहा- प्रॉमिस डॉक्टर अंकल.
वीना श्रीवास्तव
लेखिका व कवयित्री
इ-मेल:veena.rajshiv@gmail.com