18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दोस्त बहुत सोच समझ कर बनायें

।। दक्षा वैदकर।। हम किन लोगों के साथ रहते हैं, इसका हमारे जीवन पर बहुत असर पड़ता है. कई बार हमारे पैरेंट्स हमें डांटते हैं कि फलां दोस्त के साथ मत रहो, वह तुम्हें बिगाड़ देगा और हम जवाब देते हैं ‘मैं खुद पर कंट्रोल रखना जानता हूं’. लेकिन यह बात हमें जानना जरूरी है […]

।। दक्षा वैदकर।।

हम किन लोगों के साथ रहते हैं, इसका हमारे जीवन पर बहुत असर पड़ता है. कई बार हमारे पैरेंट्स हमें डांटते हैं कि फलां दोस्त के साथ मत रहो, वह तुम्हें बिगाड़ देगा और हम जवाब देते हैं ‘मैं खुद पर कंट्रोल रखना जानता हूं’. लेकिन यह बात हमें जानना जरूरी है कि हम एक हद तक ही खुद को नियंत्रण में रख सकते हैं. कुछ-न-कुछ बातें हम उस दोस्त से सीख ही लेते हैं. साथ ही, यह तय है कि हमारा उतना समय बेकार ही जायेगा, जितना हम उसके साथ रहते हैं. यदि हम उसी समय को अच्छे दोस्तों के साथ बितायें, जो जिंदगी में कुछ अच्छा ही जुड़ेगा.

आज मेरे दोस्तों का सर्कल बहुत अच्छा हो गया है. किसी दोस्त की राजनीति में पकड़ अच्छी है, तो किसी का जनरल नॉलेज अद्भुत है. कोई मुङो ज्ञानवर्धक बुक्स पढ़ने के लिए देता है, तो कोई डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए देता है, जो मुङो देखनी चाहिए. खाली वक्त में भी हम गॉसिप में समय बरबाद न करते हुए, चीजों का विश्लेषण करते हैं. देश-दुनिया की खबरों पर बात करते हैं. इन दोस्तों के साथ पिछले दो-तीन सालों से रहते हुए मुझमें कब बदलाव आया, पता ही नहीं चला. कब घर में ढेर सारी बुक्स जमा हो गयी, ध्यान ही नहीं गया.

पिछले दिनों एक अन्य मित्र से किसी मुद्दे पर बात हुई. हम दोनों ही पक्ष-विपक्ष में खड़े थे और स्वस्थ चरचा हो रही थी. करीब एक घंटे तक यह चरचा चली और हम दोनों ने कहा कि इसे अब यहीं रोकना चाहिए, क्योंकि इस बहस का कोई अंत नहीं. मित्र ने एक लाइन और जोड़ी. उसने कहा, ‘अब तुम अच्छा बहस कर लेती हो. दो-तीन साल पहले इस मुद्दे पर अगर बात करती, तो एक लाइन बोल नहीं पाती तुम.’ उसने मुङो यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वो क्या चीज थी, जिसने मुङो इस काबिल बनाया. जवाब मिला, ‘अच्छे दोस्तों का साथ.’

अपने बीते दिनों को याद करके मैं यही सोचती हूं कि अगर मैंने दोस्त का चुनाव गलत किया होता या उन लोगों के साथ ज्यादा रहती, जो इधर-उधर की बातों में समय बरबाद करते हैं, दूसरों की पर्सनल लाइफ पर गॉसिप करते हैं, फिल्में देखते हैं, घूमते-फिरते हैं, तो शायद मैं इस बहस में बराबर की टक्कर नहीं दे पाती.

बात पते की..

-जो लोग अपना वक्त फिल्म, टीवी व घूमने में बरबाद करते हैं, उनसे थोड़ी दूरी बनाये रखें. पुस्तकें पढ़नेवाले और थोड़े गंभीर लोग भी दोस्तों में रखें.

-जब भी आपके सामने कोई किसी की बुराई करे, गॉसिपिंग करे, भद्दे जोक कहे, नकारात्मक बोले, उसे उसी वक्त रोकें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें