
भारत के खेल मंत्री विजय गोयल ने मैराथन खिलाड़ी ओपी जैशा मामले में कहा है कि खेल मंत्रालय हर बात के लिए जिम्मेदार नहीं है.
रियो ओलंपिक में भारत की ओर से हिस्सा लेने गई ओपी जैशा ने आरोप लगाया था कि जब वो 42 किलोमीटर के मैराथन में हिस्सा ले रही थी तो उन्हें रास्ते में पानी पिलाने तक की कोई व्यवस्था नहीं थी जबकि हिस्सा लेने वाले हर देश के कैंप बने थे पूरे मैराथन के रास्ते में.
इसके जवाब में अंग्रेजी अख़बार द फायनांशियल एक्सप्रेस से एक बातचीत में विजय गोयल ने कहा, "खेल आयोजन में एथलीटों की व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों के लिए उनका मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है. एथलीटों के लिए जो फैसले लिए जाते हैं उनमें भारतीय ओलंपिक संघ और दूसरे संघों की पूरी भागीदारी होती है."
उन्होंने कहा, "आईओए इन बातों (रिफ्रेशमेंट की कमी) का ख्याल रखता है. मैं इस मामले पर गौर करुंगा. ये कोई छोटी घटना नहीं है. लेकिन कई चीजों में खेल मंत्रालय कभी कभी सीधे रूप से शामिल नहीं होता है."
उधर सोशल मीडिया पर जैशा के इन आरोपों के बाद कड़ी प्रतिक्रिया दिख रही है.

ट्विटर यूजर जिग्गर शाह ने अपने ट्विटर हैंडल @JiggerShah से लिखा, "क्या भारतीय एथलीटों के सभी प्रतिनिधि रियो में छुट्टी मना रहे थे?"
ग्रीन नाम के यूजर ने @conquerorgreen पर लिखा, "वहां कोई भी भारतीय अधिकारी मौजूद नहीं था. जैशा को बिना पानी, बिना एनर्जी ड्रिंक के दौड़ना पड़ा. इसके जिम्मेदार वे मंत्री कहां गए जो सबसे पहले रियो पहुंचे थे."
यूजर सुधांशु सिंह @sssingh21 ने लिखा, "जैशा मामले से साबित होता है कि कॉमनवेल्थ गेम के बाद से अब तक कुछ भी नहीं बदला. ये दुखद है."

ओपी जैशा ने ओलंपिक के बाद भारतीय अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दूसरे देशों से तो हर 2.5 किमी पर एथलीटों के लिए सभी बुनियादी रिफ्रेशमेंट जैसे कि पानी, स्पॉन्ज मौजूद था, लेकिन भारत से वहां उनकी मदद के लिए कोई भी अधिकारी नहीं था.
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