
दिल्ली पुलिस ने अफ़्रीकी लोगों पर हुए हमलों की वजह उनका शराब पीकर सड़क पर हंगामा करना और तेज़ संगीत बजाना बताया है, ख़ासकर अफ़्रीकी महिलाओं पर हुए हमले की वजह उनके पहनावे को बताया है.
दक्षिणी दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों में अफ़्रीका के कई लोगों पर हमले हुए हैं, इनमें महिलाएं भी शामिल हैं.
बीबीसी हिंदी के वात्सल्य राय से बातचीत में दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी ईश्वर सिंह ने कहा, "महिलाओं ने ‘उस तरह’ के कपड़े पहने थे, उनका पहनावा स्थानीय लोगों के अनुरूप नहीं था. पिछले कुछ दिनों से अफ़्रीकी मूल के लोगों पर हो रहे हमले ‘प्लांड अटैक’ (साज़िश के तहत) नहीं है".
लड़कियों ने ‘उस तरह’ के कपड़े पहने थे: पुलिस .

अफ़्रीकी महिलाओं पर हुए हमलों के विषय में डीसीपी ने कहा, "जिन दो अफ़्रीकी महिलाओं पर हमला हुआ है, उनमें से एक सिमेरा यूगांडा की हैं और सोनिया दक्षिण अफ़्रीका की."
जब दोनों ही महिलाएं चर्च से लौट रहीं थीं, तभी किसी स्थानीय निवासी ने उन पर छींटाकशी की, फिर महिलाओं ने अपने साथियों के बुला लिया और बात आगे बढ़ गई.
इन सभी लोगों ने "स्थानीय पुलिस से अपने ऊपर हुए हमले की कोई शिकायत नहीं की है. पुलिस ने इन मामलों का ‘ख़ुद ही संज्ञान लिया है और हमला करने वालों की पहचान कर ली है."
इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अफ़्रीकी लोगों पर हुए हमले को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से बात की है.

सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा है कि उन्हें हमलावरों की जल्द से जल्द गिरफ़्तारी का आश्वासन मिला है.
वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है और हमलावरों के ख़लाफ़ सख़्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बताया है कि हरेक की सुरक्षा के लिए, उन्होंने पुलिस के संबंधित इलाक़ों में पेट्रोलिंग बढ़ाने को भी कहा है.

इससे पहले काँगो के 23 साल के नागरिक ओलिवर की दिल्ली के वसंत कुंज इलाक़े में तीन लोगों ने ऑटो रिक्शा किराए पर लेने को लेकर हुई बहस के बाद, कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
काँगो के नागरिक मसोन्डा केटाडा ओलिवर की हत्या के बाद, अफ़्रीकी देशों के राजनयिकों ने चिंता व्यक्त की थी, जिसके बाद भारत ने उन्हें अफ़्रीकी देशों के नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है.
दिल्ली में काँगो के एक छात्र की हत्या के बाद अफ़्रीकी देशों के राजनयिकों भारत सरकार के अफ़्रीका डे समारोह में शामिल नहीं होने की घोषणा की थी, हालाँकि बाद में वो इसमें शामिल हुए थे.

राजनयिकों के हवाले से यहाँ तक कहा गया था कि वो अपनी सरकारों से ये कह भी सकते हैं कि वो और छात्रों को भारत न भेजें.
इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इन राजनयिकों को आश्वासन दिया था और दोषियों के ख़िलाफ़ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाने की बात कही थी.
उन्होंने देश के बड़े शहरों में रह रहे अफ़्रीकी छात्रों से मिलने के लिए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह को भेजा था.
डीसीपी ईश्वर सिंह ने कहा कि अफ़्रीकी लोगों पर हमले अलग-अलग समय पर, अलग-अलग जगहों पर हुए हैं और ये अलग-अलग मामले हैं.

केनेथ नाईजीरिया के निवासी हैं और उनका झगड़ा तेज़ संगीत बजाने की वजह से हुआ, जबकि दूसरा मामला लुकी का है वह भी नाईजीरिया के ही हैं.
ईश्वर सिंह ने बताया, "लुकी शराब पीकर पब्लिक प्लेस पर तेज़-तेज़ आवाज़ में बात कर रहे थे. लुकी की जब स्थानीय लोगों से हाथापाई हुई तो वे गिर गए और उनकी नाक पर चोट लगी है और एक स्टिच भी आई है. केनेथ का झगड़ा राजपुर ख़ुर्द गांव में हुआ है और लुकी का मैदानगढ़ी में."
(बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय के साथ बातचीत पर आधारित)
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