
यह अब क़रीब-क़रीब साफ़ हो चुका है कि अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनल्ड ट्रंप उम्मीदवार होंगे.
12 महीने पहले बहुत कम ही लोगों ने इसकी उम्मीद की होगी.
डेमोक्रेट उम्मीदवारी को लेकर अभी दौड़ जारी है. मंगलवार को इंडियाना में बर्नी सैंडर्स की जीत के बावजूद इसकी बहुत संभावना है कि हिलेरी क्लिंटन ही पार्टी की उम्मीदवार होंगी.
अब यह तस्वीर बहुत हद तक साफ़ हो चुकी हैं कि चुनाव में जो कुछ भी परिणाम निकले वो ऐतिहासिक ही होगा. इसकी कई वजहें हैं.
जब बराक ओबामा 2009 में पहली बार अमरीकी राष्ट्रपति चुने गए थे तो उस वक्त उनकी उम्र 47 साल थी और वो अमरीकी इतिहास में पांचवें सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति थे.
42 साल की उम्र में राष्ट्रपति बनने वाले थियोडोर रूज़वेल्ट सबसे कम उम्र के अमरीकी राष्ट्रपति थे.
लेकिन मौजूदा संभावित उम्मीदवारों में से अब अमरीका का जो अगला राष्ट्रपति होगा वो निश्चित तौर पर ज़्यादा उम्रदराज़ होगा.

बर्नी सैंडर्स 20 जनवरी को इनॉगरेशन डे के दिन 75 साल के होने जा रहे हैं. वो इनॉगरेशन डे के दिन सबसे उम्रदराज़ राष्ट्रपति रहे रोनाल्ड रीगन से छह साल बड़े होंगे.
डोनल्ड ट्रंप 14 जून को 70 साल के हो जाएंगे और वो भी अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो इतिहास में सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति होंगे.
हिलेरी क्लिंटन चुनाव से दो हफ़्ते पहले 69 बरस की हो जाएंगी और राष्ट्रपति चुने जाने की हालत में वो इनॉगरेशन डे के दिन दूसरी सबसे ज़्यादा उम्र की राष्ट्रपति होंगी.
अमरीका में इनॉगरेशन डे उस दिन को कहते हैं जिस दिन नए राष्ट्रपति या उप-राष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाती है.
अभी दूसरे सबसे ज़्यादा उम्र के राष्ट्रपति के तौर पर विलियम हेनरी हैरिसन का नाम है जो 1841 में राष्ट्रपति बने थे और ब्रितानी धरती पर जन्मे आख़िरी राष्ट्रपति थे.
ट्रंप बनाम क्लिंटन या ट्रंप बनाम सैंडर्स दोनों ही हालत में मुक़ाबला 1944 के बाद पहली बार दो न्यूयॉर्क वालों में ही होगा.
1944 में न्यूयॉर्क के गवर्नर थॉमस ई डेवी और फ्रैंकलिन डी रूज़वेल्ट के बीच मुक़ाबला हुआ था.

जो कोई भी इनमें से इस बार चुनाव जीतेगा वो 71 साल के बाद पहला न्यूयॉर्क वाला होगा जो अमरीका का राष्ट्रपति बनेगा.
हिलेरी क्लिंटन का जन्म भले ही शिकागो में हुआ हो लेकिन वो न्यूयॉर्क से सीनेटर रही है और यही रहती हैं.
अगर ट्रंप जीतते हैं तो कुछ समय के लिए हम कम ख़र्च होने की उम्मीद कर सकते हैं.
फ़ेडरल इलेक्शन कमीशन के आंकड़े दिखाते हैं कि उन्होंने मार्च के अंत तक चार करोड़ 90 लाख अमरीकी डॉलर ख़र्च किए हैं. इसमें से तीन करोड़ साठ लाख अमरीकी डॉलर उनका ख़ुद का है.
हिलेरी क्लिंटन अब तक 18 करोड़ 70 लाख अमरीकी डॉलर खर्च कर चुकी हैं.
ट्रंप का जीतना एक दूसरी वजह से भी अहम रहेगा. 60 साल से ज़्यादा वक़्त से बिना कोई राजनीतिक अनुभव वाला व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव नहीं जीता है.

ट्रंप ना ही कहीं के गर्वनर रहे हैं और ना ही अमरीकी सदन में रहे हैं.
बिना किसी राजनीतिक अनुभव वाले आख़िरी राष्ट्रपति आइजनहॉवर थे जो कि दूसरे विश्व युद्ध में मित्र देशों की सेना के सुप्रीम कमांडर थे. वो 1953 में राष्ट्रपति चुने गए थे.
इससे पहले, 1929 में राष्ट्रपति चुने गए हर्बट हूवर एक इंजीनियर और मानवतावादी कार्यकर्ता थे.
ट्रंप से पहले किसी भी उम्मीदवार के पास कैसिनो और होटलों की श्रृंखला नहीं थी.
हिलेरी क्लिंटन अगर राष्ट्रपति बनती हैं तो पहली बार कोई महिला अमरीका की राष्ट्रपति होंगी.
इससे पहले, 2008 में रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन मैकेन जब राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे तब अलास्का की गर्वनर सारा पलिन उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं.
1984 में जब डेमोक्रेटिक उम्मीदवार वॉल्टर मोंडेल राष्ट्रपति के दौड़ में शामिल थे तब गेराल्डीन फ़ेरारो उप-राष्ट्रपति की उम्मीदवार थी.
लेकिन दोनों ही चुनाव नहीं जीत पाईं.
छह महीने के बाद ऐतिहासिक बनने वाले इन आंकड़ों का धुंधलापन साफ़ हो जाएगा.
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