भारत की तरह चीन में भी बड़ी संख्या में लोग गांवों से शहर काम की तलाश में जाते हैं. वो गांव में अपने पीछे बच्चों को छोड़ जाते हैं.
ऐसे लाखों बच्चों में से कुछ रिश्तेदारों के पास रहते हैं, लेकिन बिना किसी की निगरानी के ज़िंदगी बिताते हैं.
कम्यूनिस्ट पार्टी ने इसे लेकर अभी तक कुछ ख़ास कदम नहीं उठाए हैं. चीन अपने यहां बच्चों की गिनती के लिए एक बड़ा अभियान चलाने जा रहा है.