
कोलकाता के ईडन गार्डेन में वर्ल्ड टी-20 के फ़ाइनल मुक़ाबले में पहले इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी अच्छी नहीं रही, लेकिन टीम 150 रन के पार पहुंचने में कामयाब हुई.
156 रनों के लक्ष्य के सामने वेस्ट इंडीज़ की शुरुआत बेहद ख़राब रही. जॉनसन चार्ल्स, क्रिस गेल और लिंडल सिमंस महज़ 11 रन में पैविलियन लौट गए.
इसके बाद मर्लोन सैमुअल्स ने टीम को मुक़ाबले में ला दिया. लेकिन अंतिम ओवर से ठीक पहले इंग्लैंड का पलड़ा मज़बूत दिख रहा था.
वेस्ट इंडीज़ को जीत के लिए अंतिम ओवर में 19 रन बनाने थे.
ब्रेथवेट-सैमुअल्स ने बनाया वेस्ट इंडीज़ को चैंपियनइंग्लैंड के कप्तान ने बेन स्टोक्स को गेंद थमाई और दूसरे छोर पर वेस्ट इंडीज़ के कार्लोस ब्रेथवेट थे.
आठवां टी20 मैच खेल रहे ब्रेथवेट के सामने स्टोक्स काफी अनुभवी थे.
लेकिन पहली गेंद उन्होंने लेग स्टंप पर फेंकी. यार्कर फेंकने की कोशिश कामयाब नहीं हुई और ब्रेथवेट ने उसे पावरपुल शॉट के जरिए बैकवर्ड स्कावयर लेग के बाहर भेज दिया.
अब वेस्ट इंडीज़ को पांच गेंद पर 13 रन चाहिए थे. ब्रेथवेट ने दूसरी गेंद पर स्टोक्स को कोई मौका दिए बिना गंद को लाँग ऑन बाउंड्री के पार भेज दिया.

इसके बाद चार गेंदों पर सात रन बनाने थे.
तीसरी गेंद पर ब्रेथवेट ने लाँग ऑफ़ बाउंड्री के बाहर छह रन के लिए स्ट्रोक लगाया.
ओवर शुरू होने से पहले जो मुक़ाबला इंग्लैंड की झोली में दिख रहा था, उसे ब्रेथवेट ने तीन गेंदों में वेस्ट इंडीज़ की झोली में डाल दिया था.
इसके बाद भी वे थमे नहीं, उन्होंने चौथी गेंद को मिड विकेट से बाहर छह रन के लिए भेजकर वेस्ट इंडीज़ को करिश्माई जीत दिलाई.
बेन स्टोक्स तो इन छक्कों के बाद घुटने के बल बैठ गए.
ब्रेथवेट जिस अंदाज़ में बल्लेबाज़ी कर रहे थे, उससे यही लग रहा था कि अगर छह गेंद पर छह छक्के लगाने की जरूरत होती तो वह भी ब्रेथवेट की पुहंच से दूर नहीं था.

ब्रेथवेट ने ये तूफ़ान तब मचाया जब वे निचले क्रम पर बल्लेबाज़ी करने उतरते हैं और मुख्यत: गेंदबाज़ी की जिम्मेदारी निभाते हैं.
उनकी ऑलराउंड क्षमता को क्रिकेट की दुनिया में पहले भी भांपा जा चुका है. इस साल दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने उन्हें 4.2 करोड़ रुपये की क़ीमत देकर खरीदा था, यह उनकी बेस प्राइस 30 लाख रुपये से 14 गुना ज़्यादा था.
ज़ाहिर है क्रिकेट प्रेमियों को ब्रेथवेट से आईपीएल में भी धमाल की उम्मीद रहेगी. वर्ल्ड टी-20 फ़ाइनल के ये चार छक्के तो क्रिकेट प्रेमी लंबे समय तक याद रखेंगे और बेन स्टोक्स तो कभी नहीं भूलेंगे.
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