नयी दिल्ली: रेल बजट में बडे पैमाने पर नयी क्षमता के सृजन पर जोर दिये जाने और इसके लिए आवंटन बढा कर लगभग 1.25 लाख करोड रुपये किये जाने की संभावना है. इनमें से बडा हिस्सा रेल बजट के इतर स्रोतों से जुटाए जाएंगे. रेल बजट 2015-16 गुरुवार 25 फरवरी को प्रस्तुत किया जाएगा. रेलवे […]
नयी दिल्ली: रेल बजट में बडे पैमाने पर नयी क्षमता के सृजन पर जोर दिये जाने और इसके लिए आवंटन बढा कर लगभग 1.25 लाख करोड रुपये किये जाने की संभावना है. इनमें से बडा हिस्सा रेल बजट के इतर स्रोतों से जुटाए जाएंगे. रेल बजट 2015-16 गुरुवार 25 फरवरी को प्रस्तुत किया जाएगा.
रेलवे सूत्रों ने बताया कि रेलवे में संरक्षा को बेहतर बनाने, विद्युतीकरण, लाइन दोहरीकरण और यार्ड आधुनिकीकरण के लिये राशि में उल्लेखनीय वृद्धि किये जाने की संभावना है. हालांकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु को क्षमता विस्तार के काम के लिये बजटीय संसाधनों (ईबीआर) पर निर्भर रहना होगा और वह संसाधन जुटाने की अपनी योजनाओं के बारे में 2016-17 के रेल बजट विस्तृत ब्योरा रखेंगे.
चूंकि वित्त मंत्रालय से रेलवे को सकल बजटीय समर्थन (जीबीएस) रेलवे की उम्मीदों के अनुरुप होने की संभावना कम है, ऐसे में परियोजनाओं के लिये ज्यादातर वित्त पोषण ईबीआर (बजटेतर स्रोतों) से होगा. सूत्रों ने कहा, ‘‘रेलवे केवल वित्तीय रूप से व्यवहारिक परियोजनाओं का ही क्रियान्वयन करेगा. जो परियोजनाएं वित्तीय रूप से व्यवहारिक नहीं हैं लेकिन आर्थिक एवं सामाजिक रुप से वांछनीय हैं, उन्हें राज्य सरकारों के साथ संयुक्त उद्यम के जरिये क्रियान्वित किया जाएगा.
‘ प्रभु ने 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संयुक्त उद्यम के रास्ते रेल परियोजनाएं लेने के लिये पत्र लिखा है. महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ समेत छह राज्यों ने संयुक्त उद्यम बनाने के लिये रेलवे के साथ सहमति पत्र पर दस्तखत किये हैं. हालांकि नई ट्रेन शुरू किये जाने की की घोषणा लगातार दूसरे वर्ष नहीं किये जाने की संभावना है, लेकिन प्रीमियम उच्च गति वाली मालगाडियों के लिये योजना की घोषणा बजट में की जा सकती है.