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साथ-साथ रहेंगे, तो खुश रहेंगे, सेफ रहेंगे
दक्षा वैदकर दो भाइयों के बीच बहुत प्रेम था. वे हर चीज शेयर करते थे. कोई किसी की प्रेस की हुई शर्ट पहन लेता, तो कोई किसी का नया परफ्यूम यूज कर खत्म कर देता. भाइयों में इतना प्यार था कि उन्हें इन सब बातों से फर्क नहीं पड़ता था. एक भाई दूसरे को अगर […]
दक्षा वैदकर
दो भाइयों के बीच बहुत प्रेम था. वे हर चीज शेयर करते थे. कोई किसी की प्रेस की हुई शर्ट पहन लेता, तो कोई किसी का नया परफ्यूम यूज कर खत्म कर देता. भाइयों में इतना प्यार था कि उन्हें इन सब बातों से फर्क नहीं पड़ता था. एक भाई दूसरे को अगर शूज गिफ्ट करता, तो दूसरा भाई उससे एक कदम आगे बढ़ कर उसे महंगी घड़ी खरीद देता.
दोनों के बीच सैलरी का भी अंतर था. बड़ा भाई कम कमाता था और छोटा भाई ज्यादा, लेकिन पैसों को लेकर कभी किसी ने कोई झगड़ा नहीं किया. न छोटे ने बड़े के ऊपर पैसों का रौब जमाया, न बड़े ने इस बात का दुख जताया कि वह कम कमा रहा है. सब कुछ ठीक चल रहा था. दोनों भाइयों की शादी हुई और दोनों की पत्नियां भी परिवार का हिस्सा बन गयीं. भाइयों का प्यार ये पत्नियां समझ न सकीं. छोटे की पत्नी को लगता कि मेरा पति ज्यादा कमाता है और बड़े की पत्नी को लगता कि घर के सारे काम मेरे पति करते हैं.
शर्ट एक्सचेंज करने से भाइयों को कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन पत्नियां झगड़ने लगीं कि मेरे पति की शर्ट मैंने धो कर रखी थी, तुम्हारे पति ने क्यों पहन ली?
दोनों भाइयों ने पत्नियों को खूब समझाया, लेकिन उनका झगड़ा रोक न सके. घर में रोज-रोज के झगड़े देख कर माता-पिता ने ही कह दिया कि दोनों भाई अलग-अलग रहो, तभी झगड़े बंद होंगे. आखिरकार परिवार टूट गया. दोनों भाई अब अलग-अलग रहते हैं और दोनों ही तरह-तरह के संघर्ष कर रहे हैं, जो साथ में रहने की वजह से उन्हें नहीं करना पड़ता था.
आज कई परिवार ऐसे ही छोटे-मोटे झगड़ों की वजह से टूट रहे हैं. लोग एक-दूसरे के स्वभाव से दुखी हो कर घर छोड़ देते हैं. ऐसे लोगों को साही जानवर से सीख लेनी चाहिए. उसके शरीर पर ढेर सारे कांटे होते हैं.
वे अगर पास-पास भी खड़े हो जायें, तो भी एक-दूसरे को चोट पहुंचती है, लेकिन इसके बावजूद जब ठंड के दिन होते हैं, तो वे आपस में चिपक जाते हैं. भले ही एक-दूसरे के कांटे उनके शरीर को लहू-लुहान कर दें, लेकिन वे अलग नहीं होते, क्योंकि उन्हें पता है कि एक साथ हैं, तो जीवित हैं. वरना ठंड से मर जायेंगे.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– परिवार में भले ही दूसरों का स्वभाव हमें पसंद न हो, झगड़े भी हों, लेकिन हमें साथ रहना चाहिए. तभी हम बड़ी मुश्किलों से बच सकेंगे.
– अकेले रह कर दुखी रहने, संघर्ष करने से बेहतर है कि हम अपनों के साथ रहें. उनके प्यार के लिए हमें थोड़ी तकलीफ तो सहन करनी ही चाहिए.
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